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________________ अहोरात्राणि भारत] श्लोकपादसूची [ अंशतः सहितः सुरैः अहोरात्राणि भारत 5.59. 21. अहोरात्राणि संततम् 13. App. 15. 4059 post. अहोरात्रान्कलाः काष्ठाः 3. 160. 37. अहोरात्राभिसंवृतम् 12. 217. 46. अहोरात्रा मुहूर्तास्तु 13. 85.218. अहोरात्राश्चतुर्विधाः 2. 11.28. अहोरात्राश्च पुण्यार्थ 12. 237. 236. अहोरात्रास्तथैव च 13. App. 3. 291 post. अहोरात्रांश्च मासांश्च 12. 220. 974. अहोरात्राः कलाश्चैव 8. 258*. 9 pr. अहोरात्राः पतन्त्येते 12. 169.9. अहो रात्रिस्तथैव च 12. App. 29C. 105 post. अहो रात्रिः समाजज्ञे 7. 159. 14. अहोरात्रेक्षणो दिव्यः 2. App. 21. 147 pr. अहोरात्रेण केशवम् 13. App. 12.5 post. अहोरात्रेण चैकेन 13. 26. 48. अहोरात्रेण द्वादश्यां 13. App. 12.9pr., 13 pr., 17 pr.; 21 pr. 14. App. 4. 2998pr. अहोरात्रे विदधत्कर्मणैव 5. 29.8. अहोरात्रे विभजते 12. 224. 11. अहोरात्रैश्चतुःपट्या 2. App. 21. 860 pr. अहोरानैः कलाभिश्च 8. App.2.61 pr. अहोरात्रो निमेषोन्मेषकर्ता 12. App. 28.346. अहोरात्रोपवासेन 3. 81. 158. अहोरात्रो मलोऽमल: 13. 172*. 1 post. अहो रामस्य वार्ष्णेय 12.50. 20. अहो रूपमहो कान्तिः 3.52. 160. अहो रूपमहो धैर्य 1. App. 95. 27 pr. अहो रूपं तु लावण्यं 1. 1493*. 1 pr. अहोऽर्जुनेनैव कृतं महत्तरं 8. 1017*. 1. अहो लाभकरं दीनं 5. 131. 25". अहो लोकस्य चित्रता 1. App. 68. 40 post. अहो वः पौरुष नास्ति 7.50.760. अहो विज्ञानमित्येवं 13. 5. 14. अहो विधिवशादेव 1. App. 95. 16 pr. अहो विनिकृतो लोकः 11. 4. 11". अहो विहंगमः प्राप्तः 12. App. 17C. 126 pr. अहो वीर्यस्तथा काव्यः 12.236. 17. अहो वीर्यस्य सारत्वं 8. 11.30% अहो वीर्य च शिक्षितम् 1. App. 95.27 post. अहो वैक्लव्यमुत्तमम् 12. 8.3. अहो शूद्रस्य कर्माणि 4. App. 33. 2 pr. अहो शौर्येण संपन्नौ 8. No. 1 pr. अहो श्रावितमाख्यानं 13. App. 3A.558 pr. अहो श्रीमदिदं भीम 3.796*. I pr. अहो सम्यक्शुकेनोक्तं 12. 171. 15. अहो सह शरीरेण 13. 54. 16". अहो साहसमित्याह 1. 1125*. 1 pr. अहो सिद्धार्थता तेषां 12. 173. 11". अहो सिद्धार्थरूपोऽसि 12. App. 19. 29 pr. अहो सुबलवान्कालः 9. 1. 176. अहो सुमहदाश्चर्य 13. App. 20. 300 pr. अहो सौष्ठवमेतयोः 8. 11. 300. अहोऽस्मि वञ्चितो मूढः 15. 6. 3". अहोऽस्म्यशुचितां प्राप्तः 12. 3. 11". अहोऽस्या हृदयं देव्याः 14. 80.50. अहो हि तव बालिश्यं 12.637*.3 pr. अहो हि दुरनुष्ठेयः 12.327.7". अहो ह्यकाले प्रस्थानं 7.55. 184. अहो ह्यनित्यं मानुष्यं 7.55. 16. अहो ह्यनुगृहीतोऽद्य 12. 321. 17. अहो ह्येकान्तिनः सर्वान् 12. 336. 1". अह्वस्तदष्टभागेन 8. 15. 28. अह्नस्त्रिः प्रविशेदपः 12. 207. 13. अह्नः क्षये ललाटाच्च 12.328. 160. अह्नः परिक्षये ब्रह्मन् 1. 43. 14. अह्नः प्रातरिति स्मृतम् 13. 209*. 1 post. अह्वः सुतः स्मृतो ज्योतिः 1. 60.220. अह्वापीह तपो जातु 13. 94. 196. अह्नाय च चिराय च 13. 8. 184; 58. 300; 105.611. अह्वाय तव सुश्रोणि 4. 21. 10deg. अह्ना यदेनश्वाज्ञानात् 1. 56. 300. अह्ना यदनः कुरुते 18. . 370. अह्वा यदेनः क्रियते 1.496*. 1 pr. अह्नाय नरकं गच्छेत् 3. 36. 10. अह्नाय भरतर्षभ 12.92.53d. अह्ना राच्या च संचितम् 1. 1. 2004. अह्ना / केन भीष्मोऽयम् 5.51.51". अह्नां पूर्वे विभागे तु 14. App. 4. 1831 pr. अह्वोत्तरा कुमारास्ते 1. 1139*. 1 pr. अहो राज्यास्तथैव च 12. 225. 164. अहीको वा विमूढो वा 5.70. 384. अहीररतिरेव च 12. 171. 404. अहीश्चान्योन्यपरुषाः 7. App. 8. 207 pr. अंशकामा वयं ते च 12. 7. 234. अंशतः सहितः सुरैः 1.50. 11. -293 -
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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