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________________ अहो धिगिति भूतानां ] महाभारतस्थ [ अहोरात्रं हि विद्धि तत् अहो धिगिति भूतानां 7.1. 34. अहो धिगिति राजा तु 15. 45. 414. अहो धिगेषा पतिता विसंज्ञा 11. 21. 124. अहो धिग्गृध्रवाक्येन 12. 149. 82". अहो धिग्दुःशलां पश्य 11. 22. 16. अहो धिग्मृतराष्ट्रस्य 1. 136. 12". अहो धिग्बान्धवा नैनं 2.67. 11. अहो धिग्यदधो नाभेः 9. 59.5M. अहो विङस जानाति 9.28. 500. अहो धैर्य महात्मनः 3.52. 16. अहो नारायणं तेजः 12. 331. 5. अहो नाशंससे किंचित् 5.73. 17. अहो नासीत्पुमान्कश्चित् 7.21.3. अहो नु धिग्बलं क्षात्रं 1. 122. 15. अहो नु बलवहेवं 8.5.450. अहो नु मम बालिश्यं 12. 171.21" अहो नु रमणीयस्त्वं 12. 150.7". अहो नृशंसाः पच्यन्ते 13. App. 15. 2904 pr. अहो नैनं भवान्वेत्ति 3. 45. 17". अहो पापमिति स्म ह 4. App. 15.33 post. अहो पार्थ निमित्तानि 5.73 164. अहो पुत्रवियोगेन 12. 149. 44". अहो प्रभावः सुमहान् 13. 52.5%. अहो प्रभावो ब्रह्मः 13.54. 27. अहो प्रयात्येष गजेन्द्र वृन्दैः 6. 216. 1. अहो प्रक्षो महाभागाः 13. App. 14. 267 pr. अहो प्राप्तोऽस्मि संशयम् 13. 40. 484. अहो फलमनार्य स्य 12. App. 295. 157 pr. अहो बत कृतं पापं 5. 180.37. अहो बत दशां प्राप्तः 8. 595*. 2 pr. भहो बत नृशंसं वै 9. 40. 9. अहो बत महत्कष्टं 3.2.60*. अहो बत महत्पापं 3.278. 11.6.23.45". 7. 1376*. 1 pr. अहो बत महहःखं 8.22. 19.9.2.3.12.335.31. अहो बत महद्भूतं 2.33. 19. अहो बत महद्युई 8. 99:3*. 11 pr. अहो बत यथेदं मे 3.2:38. 180 अहो बत विविग्नाः स्म 9. 1. 16. अहो बतायमगमः 3.61.98". अहो बतायं शकुनिः 12. 11.6". अहो बतासि कुशल: 12. 173. 50. अहो बतेदं सुनृशंसरूपं 8. App. 21. 23. अहो बहुविधो धर्मः 13. App. 14. 292A 3 pr., 413A 9 pr. अहो बुद्धिमतां श्रेष्ठ 3. 178. 284. अहो बुद्विसमाधान 12.319.21". अहो ब्राह्मणकर्माणि 13. 142. 29d. अहो ब्राह्ममुदाहृतम् 3. 186. 23deg. अहो भगवता श्रद्धा 15.27.26. अहो भगवतो वीर्य 13. 53. 46*. अहो भवत्या मनस्य ll. 27. 17"; 78. 1 pr. अहोऽभिहितमाख्यानं 11. 7. 1". अहो भीमे बलं भीमं 8.11.29. अहो मन्दीकृतः स्नेहः 12. 149. 42". अहो मम नृशंसस्य 12. 142. 436. अहो मम मतं यत्तत् 3.8. 15%. अहो मम विना वहिं 12.369*. 1 pr. अहो मम सुतानां हि 7. 862*. 1 pr. अहो ममोपरि विधेः 3. App. 10. 77 pr. ; App. 11. 69 pr.; App. 12. 31 pr. अहो महर्षे धर्मज्ञ 3.81. 103". अहो मामनुगच्छन्या 12.376*.3 pr. अहो मामभिजानासि 1.75.5*. अहो मूढाः स्म सुचिरं 13. 16.274. अहो मे भवतो दृष्टं 15. 29. 90 अहोऽयं भिन्नमर्यादः 1. 1038*.6 pr. अहोऽयं सुकुमाराङ्गः 3. 40. 29". अहो युद्धप्रतीपानि 5.73. 150. अहो रक्षःपिशाचैश्च 14. App. 4. 2050 pr. अहो रत्नमिदं पुण्यं 14. App. 4. 2037 pr. अहो राज्ञः प्रसीदेति 1. 1703*.pr. अहोरात्रकृतं नृप 14, App. 4. 1905 post. अहोरात्र जवेन च 12. 227. 14. अहोरात्रपरिक्षेपं 14. 45. 36. अहोरात्रमनिन्दितः 13. 17. 110'. अहोरात्रमये लोके 12, 287. 27". अहोरात्रमिदं द्वंद्वं 14. 24. 14. अहोरात्रविभागेन 3. App. 16. 16 pr. अहोरात्रशतैरपि 12. 173. 48. अहोरात्रं च कालं च 12. 200. 296. अहोरात्रं जितेन्द्रियः 14, App. 4. 1958 post. अहोरात्रं मया दृष्टं 6.2.22. अहोरात्रं महाराज 3. 49. 21". अहोरात्रं विजानाति 13. 43. 94. अहोरात्रं हि विद्धि तत् 13. 43. 4. -292
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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