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________________ अहं दातास्मि रवानां] महाभारतस्थ [अहंभावोद्भवैः सह अहं दातास्मि रवानां 2.53. 156. अहं दानं प्रशंसामि 13. 123. 4. अहं दिव्याद्रथादेकः 8. 5. 16. अहं दुरापो दुर्धर्षः 4. 39. 196. अहं दुर्योधनं हन्ता 2. 68. 260; App. 38. 49 pr. अहं दुःशासनस्तथा 5. 141. 24. अहं दुःशासनः कर्णः 7. 160. 220. अहं देवनिकायानां 12. App. 17C. 39 pr. अहं देवितुमुत्सहे 4. 63. 31. अहं देवैः पुरा सर्वैः 13. App. 20. 415 pr. अहं दौहित्रवान्स्यां वै 5. 113. 14. अहं द्रष्टा ब्रह्मलोके सदेति 1. 1. 117. अहं द्रोणश्च कर्णश्च 4.863*. 1 pr.; 998*. 4 pr. अहं द्रोणश्च शल्यश्च 6.77.20. अहं द्रोणं हनियामि 3. 13. 1180.5. App. 13. 47 pr. अहं द्रोणः कृपो द्रौणिः 6. 01. 13". अहं द्रोणान्तकः पार्थ 6. 46. 369. अहं धनमनन्तं हि 1. 1345*.2 pr. अहं धनंजयः पार्थः 7. 165. 43". अहं धनुष्मानसुरान्मुरांश्च 8.52. 31". अहं धर्मयुतश्चास्मिन् 9. App. 4. 18Apr. अहं धर्मविधानेन 1. App. 88.22 pr. अहं धाता विधाता च 3. 187.6. अहं धारयितुं शुभे 14. 80. 14. अहं तिरहं सिद्धिः 12. 220.224. अहं ध्मास्यामि चाम्बुजम् 7.78. 34. अहं ध्वजिन्यः शत्रूणां 7.56. 254. अहं न गच्छे दुःषन्तं 1. App. 46. 46 pr. अहं न प्रतिगृह्णामि 17. 192. 40deg. अहं न वारये हिंसां 12.806*.8pr. अहं न विस्मयं विप्र 9.37.10. भहं नारायणो नाम 3. 187.14, 38. भहं निधनमासाद्य 9.63399. भहं निर्विवरीकृता 2. App. 21. 701 post. अहं पतीन्नातिशये 3. 292. 36". अहं परिचरिष्यामि 4.81*. 1 pr. अहं पशुपति म 13. App. 15. 4351 pr. अहं पश्चादर्जुनमभ्यरक्षं 5. 23. 26. अहं पश्चाद्भविष्यामि 12. App. 31. 23 pr. अहं पश्चाद्वयनारायम् 16.9.21". अहं पश्यामि कौरवाः 4.37. [. अहं पश्यामि चक्षुषा 13. App. 15. 4667 post. अहं पश्यामि विजयं 5. 133. 19. अहं पश्यामि सांप्रतम् 5. 173.8. अहं पापं नुदामि ते 1.76. 324. अहं पापी दुराचारः 13. App. 20. 394 pr. अहं पारं समुद्रस्य 5. 105.5". अहं पारे समुद्रस्थ 4.56. 11"; App. 37.23 pr. अहं पार्थान्समागतान् 8.51.6. अहं पार्थान्हनिष्यामि 6.93.90.7.1:..! अहं पाशुपतं दिव्यं 3.858*. 1 pr. अहं पाशुपतं महत् 3. 41. 13. अहं पुत्रो वरुणस्योत राज्ञः 3. 184.20,51". अहं पुनर्वते इत्याशयात्मा 12. 130.7. अहं पुरा रणे जित्वा 4. App. 37.3pr. अहं पुरा रुरो नाना 1. 10. 70. अहं पुरुषसत्तम 1. 158. 45. अहं पूर्वमगस्त्येन 3. 158. 47". अहं पूर्वमह पूर्वम् 1.201. 18"; 3712pr.; APP. 78. 4 pr. 3. 80. 1254. 7. 11.50.9.22. 689. अहं पूर्वमिहागतः 5. 38*. 3 post. अहं पैलोऽथ कौन्तेय 14. 71.3". अहं प्रजापतिर्ब्रह्मा 3. 185. 48. अहं प्रजापतीनां च 14. 44. 114. अहं प्रजापतेः कन्या 3. 213. 16. अहं प्रधान इत्येवं 12. App. 2935. 101 pr. अहं प्रभुः प्रदाने तु 1. Ap1. G. G+ pr. अहं प्रयुक्तांस्तदा 13. App. 3A. 111 Post अहं प्रवेश्ये शिबिरं 10. 8.8". अहं प्रसन्नो भक्तानां 13. App. 15.4341 pr. अहं प्रसादजस्तस्य 12. 330. 50. अहं प्रसादजस्तुभ्यं 12. 335. 36". अहं प्रसादयांचके 8. 370*. 1 pr. अहं प्रियतमः पुत्रः 1. 122. 20% अहं प्रेतवशं गतम् 1. 116.21". अहं प्रेग्यश्च दासश्च 5. 145.396. अहं बकस्य वै भ्राता 3. 12. 22. अहं बकः शैवलमत्स्यभक्षः 3. 297. 11". अहं बिलं प्रवेक्ष्यामि 12. 136. 93. अहं बीजप्रदः पिता 6. 36.4M. अहं ब्रह्ममयो महान् 14. 43. 11. अहं ब्रह्मा आद्य ईशः प्रजानां 12. 339. 19. अहं भगवतस्तस्य 12. App. 17B. 122 pr, अहं भद्रे हनिष्यामि 4. 423*. 1 pr. अहं भवांश्च भूतानि 12. 352.8. अहंभावोद्भवैः सह 12. App. 18.70 post. -286 -
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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