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________________ अहमस्य विजानामि ] श्लोकपादसूची [अहमेव तदाद्राक्षं अहमय विजानामि 3. 39.28. अहसागत इयुत 5.91.17. अहमात्मा गुडाकेश 6. 32. 20. अहमात्मानमात्मस्थं 12.312.30. अहमात्मानमात्मस्थः 12.3.12.14. अहमात्मा हि लोकानां 12. 328. 214. अहमाददि कांश्चन 2.20.27. अहमादिर्हि देवानां 6.32. 2. 14. App. 4. 102 pr. अहमादिश्व मध्यं च 6. 32. 20. अहमादौ निहत्य त्वां 5. App. 12. 60 pr. अहमादौ महायुते 14. App. 4. 2561 post. अहमापत्सु चापि त्वां 4. 16. 15. अहमापद्दतः क्षुब्धः 12. 139.67. अहमामय सुस्निग्धं 10. 12.24. अहमावारयिष्यामि 4. 43.20; 865*. 1 pr. 5. 165. 20deg. 6. 104. 576. 7. 19.23% ; 64. 11; 74. 400; 131. 70%; 170. 45031378*. ] pr. अहमासं पण्डितकः 12. 173. 450. अहमासं पुरा चेति 12.220. 101. अहमासं मनप्यो वै 13. 118. 184. अहमासं यथाद्य त्वं 12.220.374. अहमासादयं गृहे 13.55. 14. अहमासादिना राजन् 1, 68.66%. अहमाहवनीयोऽग्निः 14. App. 4. 2602 pr. अहमिच्छामि वेदितुम् 14.81. 204. अहमित्येव तत्सर्व 14.41. 3. अहमित्येव भावेन 12. App. 19. 137 pr. अहमित्येव वर्तते 12. App. 19. 159 post. अहमित्येव संभृतः 14.41. 1. अहमित्येष भावोऽत्र 12. App. 19. 158 pr. अहमित्येष वै भावः 12.623*. 1 pr. अहमिन्द्रस्य वचनात् 4.56. 9". अहमिन्द्रः शुचिस्मिते 5. 13. 11. अहमिन्द्रादृढां मुष्टिं 4.56. 100. अहमिन्द्रो देवराजः 5.9.29. अहमिन्द्रो भविन्यामि 3.218. 21. अहमिन्द्रोऽयमग्निश्च 3.52.4". अमिन्द्रोऽस्मि देवानां 5. 11. 150; 105*. 1 pr. अहमिष्टिं करोम्यद्य 13. 31. 274. अहमीदृशकस्तथा 12,295.284. अहमुग्रतपा विप्राः 12. App. 29E. 87 pr. अहमुग्रतपोधन: 12. App. 29E. 100 post. अहमुत्थाय वः सर्वान् 9. 30. 382%; 31. 160. अहमुत्पाटयिष्यामि 4.56. 15. अहमेकस्नु चारेण 5. 189. 180. अहमेकं ददाम्येषां 10. 67*. 3 pr. अहमेकः परिघुनः 9. 31.9. 13.31.24. अनेकः प्रवर्तिता 5. 60. 11. अहमेकः सनातनः 12.328. 35. 14. 13. 17 अहमेकः समादास्ये 5.06. 49. सहमेन पातेन 8. 328*. 1 pr. अहमेको न मे कश्चित् 12. 459*. 1 pr. ; 788*. 1 pr. अहमेकोऽपि जेष्यामि 5.20*. ] pr. अहमेको भिसंतप्तः 3. 36.15. अहमेकोऽवशिष्टस्तु 10. 10.60. अहमेको विजेन्यामि 5.21*.1pr. अहलेको विभुतस्तु 9. 28. TTM. अहमेको हनिमामि 4. 1027*.2 pr. ; App. 15. 26 pr. 5. 165. 250.8.97.70. अहमेतत्करोमीति 12. 28. 30% अहमेतत्तदा गृहे 3. 33.74. अहमेतत्प्रवेक्ष्यामि 7. 34. 240. अहमेतत्समुद्यतः 1. App. 80. 19 post. अहमेतद्रवीम्येवं 5.72.230. अहमेतं पापमति 2. App. 28. 142 pr. अहमेतं मृतं जातं 10. 68*. 2 अहमेतानि वै कुर्वन् 12. 202. 44. अहमेतान्हनिष्यामि 8. 256*2 pr. अहमेतेन संगम्य 9. 32. 200. अहमेते निगृह्णीयां 5.74.89. अहमेनं गदापाणि: 7. 168.20% अहमेनं ग्रहीष्यामि 7.41. 10. अहमेनं त्वया दृष्टं 1.39. 3. अहमेनं धनुकोट्या 3. 40. 384. अहमेनं नरश्रेष्ट 8.736*. 1 pr. अहमेनं परित्रास्ये 4. 32. 14. अहमेनं वधिव्यामि 7. 148. 30. अहमेनं शरैस्तीक्ष्णैः 3. 40. 32. 6. 106.26. अहमेनं हनिष्याभि 1. 140. 7. 7. 38. 220. अहमेनानजिह्माणैः 1. 181. 30. अहमेव गतिस्तेषां 12. 328. 30%. अहमेव च कृष्णोऽस्मि 7.986*.7pr. अहमेव च तं कालं 1.225. 11. अहमेव च नो बलम् 8. 23.7d. अहमेव जरत्कारुः 1. 42.9. अहमेव तदादाक्षं 7. 165.56%. पादसूची-36 --281 -
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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