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________________ अस्त्रलुब्धस्य भार्गव] श्लोकपादसूची [ अस्त्राणामप्रसन्नताम् अस्त्रलुब्धस्य भार्गव 12. 3. 24. अस्त्रलोभादिह त्वया 12. 3. 30deg. अस्त्रवर्षे ववर्ष ह 7. App. 10. 12 post. अस्ववर्षेण महता 1. 165.38.7.78. 32. अस्त्रवधैरवाकिरत् 10. 6. 10*. अस्वाज्ञान्वियेपास्त्रं 1. App.77. 1 pr. अस्वबान्धीर्यसंपन्न: 8. 18. 48. अस्त्रविद्धिरनाटयः 5. 162. 250. अस्त्रविद्भिः परिवृतः 3.34. 81. अस्त्रविद्ध्यां समागतः 1.215. 10. अस्त्रविद्यानुरागाच 1. App. 76.3 pr. अस्त्रविद्यां स्वधीतवान् 2. App. 31.8post. अस्ववीय रणे यच्च 5. 194.9. अस्त्रवीर्येण शतधा 3. 167. 20deg. अस्त्र वेगप्रतिहता 7. 156. 11". अस वेगानिलोद्भुतः 5. 164. 130. अस्त्र वेगेन महता 7.75.84. अस्त्रव्युपरमादृष्टं 7. 171. 23deg. असशस्त्रप्रदीलेऽग्नौ 3. 242. 14". अस्त्रशिक्षामनुज्ञातान् 1. 1435*. 1 pr. अस्त्रसंदर्शनारम्भः 1. 128*. 43 pr. अस्त्रसंपद एव च 8.285*. 1 post. अस्वसंबाधनिर्मुक्ती 7.76. 80. अस्वस्य तु ह्येष वेद 7. 1410*. 1 pr. अस्वस्य सूरस्य महेन्द्रसूनोः 8. 1036*2. अस्वस्यास्य प्रभावा? 7. 67, 48. अस्त्रस्यास्य प्रभावेण 7. 1013*. 1 pr. अस्वहेतोरटन्नृप 8. 373*. 1 post, अस्त्र हेतोरिह प्राप्तः 3. 45. 16. अस्वहेतोर्गतं ज्ञात्वा 7. 158. 280. अस्त्र हेतोगते पार्थे 3. 49. 1", 24. अस्त्र हेतोर्महाबाहुः 3. 84.2. अस्त्र हेतोर्महेन्द्रं च 3.37.284. अवहेतोर्विवासश्च 1.2. 106. अस्त्र हेतोः पराक्रान्तं 3. 46.249. अस्त्र हेतोः पराकान्तान् 1.124.6%. अस्वहेतोः पुरा तात 7.825*. 1 pr. अस्वहेतोः प्रसन्नात्मा 8.24. 132. अस्त्रं चक्रे हसन्निव 8. 45.5. अस्त्रं चतुर्विधं कृत्स्नं 1. 1378*.: pr. अस्त्रं चतुर्विधं वीरे 7. 8.70. अस्त्रं चतुर्विधं वेद 11.23.274. असं च पश्यन्रुधिरप्रदिग्धम् 8.668*.. अस्त्रं च वैष्णवं तस्मै 7. 215*. 6 pr. अस्त्रं ते हृदि वर्तते 10. 14. 2. अखं विदं कथं मिथ्या 7. 172. 45. अस्त्रं दिव्यं महेष्वासः 7.78. 46. अस्त्रं द्रोणादर्जुनाद्वासुदेवात् 5.22. 230. अस्त्रं द्वि!पपद्यते 7. 171.26. अयं धर्मभृतां वरः 1. 121.64. अखं नारायणं ततः 7. 166. 44. अस्त्रं नारायणं तदा 7. 166. 60"; 170. 15. अस्त्रं परमदारुणम् 7. 1425*. 1 post.. अस्त्रं पाशुरतं दिव्यं I. 2159* 4 pr. अस्त्रं पाशुपतं देव 1.2159*. 1pr. अस्त्रं पाशुपतं नाम 1. 1222.2pr. अस्त्रं पाशुपतं पार्थः 7. 1020*.7pr. अस्त्रं पाशुपतं महत् 14. 13:3*3 post. अखं प्रादुश्चकारोग्रं 1.2.16:58. असं प्राप्तो धनंजयः 3. App. 3.3post. अस्त्रं बलं चात्मनि सन्यमानाः 1. 178. 1. अयं ब्रहाशिरश्चैव 4. App. 41. Gpr. अस्त्रं ब्रह्मशिरतात 10. 15. 194 अस्त्रं ब्रह्मशिरो नाम 1. 123.71; App. 77.20 pr.; App. 80.21pr.; 10. 12.4, 140. अयं ब्रह्म शिरो यत्र 10.15.23". अख्खं मालमलित्वरम् 7. 1421*. 10 post. अस्त्रं ब्राझं मनसा तळ्याय्यं 8.29.27. अस्त्रं भार्गनिन्दनात् 12.1.. अस्त्रं भूमौ निरायुधान् 7. 170. 304. अस्त्रं मामब्रवीत्कृपः 7.12.2. अस्त्रं माप इन्याहि 7.18. अस्त्रं यदा तद्विदितं ममासीत् 8.355*. 9. अस्त्रं यस्मै गुह्यमुवाच धीमान् 5. 47.37". अस्त्रं युगान्तानिसमप्रभावम् 6.81. 2G'. अस्त्रं देण वा पार्थ 7. 118.. अस्त्रं विशिष्टमन्ये 1. APT. 18pr. अस्त्रं साहितान्तकम् 7. 216*. 1 post. अखं संतुमाहवे 10. 15. 11'. अस्त्रं हि मे तत्प्रतिपन्नमद्य 8. 361*. 1. अस्त्रं हि मे न प्रतिभामुपैति 8. 362*.5. अस्त्रं हि रामाकर्णेन 8.51.101". अस्खाग्निना निदहेयं 5. 194. 17. अस्त्राग्निना विचित्रोऽयं 1. 158. 370. अस्त्राणामथ दिख्यानां 4. App. 58. 13pr. अस्त्राणामप्रसन्नताम् 1.2.227. 7. 161. 120. - 269
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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