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________________ असंभाव्यमिदं कर्म ] श्लोकपादसूची [असंशयं भारत सत्यमेतत् असंभाव्यमिदं कर्म 7. App. 18. 13 pr. असंभाव्यं गता घोरं 7. App. 8. 326 pr. असंभाव्या अनाचाराः 13. App. 14. 442 pr. असंभाष्या भवन्त्येते 13. App. 14. 342 pr. असंभाज्या हि चत्वारः 13. App. 14. 378 pr. असंभाष्याः पितॄणां च 13. App. 14. 447 pr. असंभिन्नार्थमर्यादः 5. 33. 29deg. असंभिन्नार्थमर्यादाः 2. 576*. 1 pr. 15. 18. 2. असंभोगान्न चासक्तान् 13. App. 10A. 31 pr. असंभोगी च मानी च 12. 158.5. असंभोगो जरा स्त्रीणां 5. 39. 63. असंभ्रमं तद्विचकर्ष दोभ्यॊ 6. 202*. 1. असंभ्रमं दुराधर्षः 9. 20. 34. असंभ्रमं भारत शत्रुघाती 9. 19. 22. असंभ्रमं भीमसेनः 6.59.76. असंभ्रमं महाराज 7. 96. 23. असंभ्रमं रणे भीष्मः 6. 102.594. असंभ्रमात्कार्मुकबाणपाणिः 6.55. 93. असंभ्रान्ततरः कर्णः 7. 134. 38. असंभ्रान्ततरोऽभ्ययात् 8. 15. 11'. असंभ्रान्तमयुध्यत 7. 97. 194. असंभ्रान्तमसंभ्रान्तः 9. 10. 39. असंभ्रान्तभिदं वचः 12. 75. 124. असंभ्रान्तश्च तान्सर्वान् 7. 292*. 4 pr. असंभ्रान्तश्च समरे 7. 137.7M. असंभ्रान्तस्ततः कर्णः 7. 150. 98. असंभ्रान्तस्ततः पार्थः 7. 137. 43". असंभ्रान्तस्तदा राजन् 6. App. 4. 222 pr. असंभ्रान्तस्तु तान्दृष्ट्वा 2. App. 39. 178 pr. असंभ्रान्तं तु तद्रक्षः 3. 12.44". असंभ्रान्तं समायान्तं 7. 1406*.6 pr. असंभ्रान्तः शरौघेण 7. 34.7. असंभ्रान्तेन चेतसा 6. 102.59. असंभ्रान्तो धनंजयः 7.74. 41. असंभ्रान्तो बृहद्वचः 3. 274. 10. असंभ्रान्तोऽभ्यवर्तत 7. 137.54. असंभ्रान्तो महाबाहुः 7. 74. 54". असंभ्रान्तो महामनाः 7. 28.37. असंभ्रान्तो रणे तिष्ठ 4.56. 84. असंभ्रान्तो रणे तिष्ठन् 4. App. 37. 25 pr. असंभ्रान्तो वरासिना 6.50. 294. असंमतं कृतं मेऽद्य 1. 218*. 1 pr. असंमन्य मया साधं 7.53. 30. असंमूढश्च यो नित्यं 4. 4. 31. असंमूढः स मत्र्येषु 6. 32. 3. असंमूढेन चास्त्राणां 3. 170.676. असंमृष्टतलाश्चैव 13. App. 3A. 281 pr. असंमोहश्च युद्धेषु 8. 50. 53. असंमोहं पूजयन्तोऽस्य संख्ये 7. 154. 450. असंमोहाय मानां 12. 15. 10. असंमोहो दया धृतिः 13. App. 15. 4123 post. असंयतात्मना योगः 6. 28. 364. असंयुक्ताश्च ते राजन् 8. 906*. 1 pr. असंरागादनुप्लवेत् 12.205.8". असंरोधेन धर्मस्य 12. 227. 256. असंरोधेन भूतानां 12. 227. 36. 14. 46. 300. असंवासाः प्रजायन्ते 13. 112. 1080. असंविभज्य क्षुद्राणां 7.51. 32. असंविभागी दुष्टात्मा 5. 38. 36". असंविश्वास्य वचनं 13. App. 15.941A 1 pr. असंविहितराष्ट्रस्य 12. 128. 36. असंवृतं तद्भवति 5. 35. 60. असंवृतानि गृह्णीयात् 14. 46. 24. असंशयमिदं कृष्ण 5. 141. 30. असंशयमिह क्लिष्टः 12. 68. 39. असंशयं कृतास्त्राश्च 7.21.26%. असंशयं केशव पाण्डवानां 3. 180. 376. असंशयं केशितास्ते 5. 21.5. असंशयं चिरं कालं 13. App. 15.4649 pr. असंशयं तथा भृते 7. 164. 1360. असंशयं ते तद्भावि 10. 16. 17. असंशयं तेऽपि ममैव पुत्राः 3. 5. 184. असंशयं ग्रिदिवमियात्स पुण्यभाक् 1. 30. 22". असंशयं त्वमेवैक: 1. 94.586. असंशयं दैवपरः 12. 106. 20%. असंशयं सृतराष्ट्र: 12.7.20. असंशयं ध्यानपरं 1.94.56. असंशयं निवर्तेत 12.90... असंशयं परो धर्मः 1.97. 13"; App. 57. 13 pr. असंशयं पार्थिवेन्द्र 6.4.20 असंशयं पिता च त्वं 12.256. 4. असंशयं पुण्यशील: 12. 106. 184. असंशयं प्रजाहेतोः 3.95. 16". असंशयं भगवन्नादिदेवं 12.64. 184. असंशयं भविता युद्धमेतत् 3. 48. 41". असंशयं भारत सत्यमेतत् 3. 35.1". - 261 -
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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