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________________ असकृत्सर्ववृष्णयः] श्लोकपादसूची [असतां विपरीता तु असकृत्सर्ववृष्णयः 1. 213. 1". असकृत्स समा बहूः 2. App. 39. 43 post. असकृत्सुमनोहरैः 12. 144.3". असकृत्सोमपान्धीरान् 12. 33. 4. असकृनच्छ गच्छेति 5. 104. 240. असकृद्रपदे चैत्र 1. 196. 5. असकृविपदा श्रेष्ठः 13. 27. 20. असकृद्धि त्वया सेन्द्राः 3. 273. 31". असकृद्भग्नसंकल्पाः 1. 218. 41". असकृद्धीमकर्मणा 7. 108. 6. असकृद्भीमसेनकम् 5. 157. 16. असकृद्यतितो ह्येषः 1. App. 81.57 pr. असकृद्राम रामेति 3. 116. 26deg. असकृद्दतम्तस्य 9.2. 47. असकृद्दतो वाक्यं 3. 265. 19". असकृद्वाग्भिरुग्राभिः 9. 60. 18. असकृन्नाम विश्राव्य 7. 359*. 3 pr. असकृन्निकृतः पूर्व 4.29.20. असकृन्निर्जिताः संख्ये 8. App. 5.37 pr. असकृन्मत्स्यराज्ञा मे 4.29.4. असकृन्मुञ्चतो बाणान् 4.951*. 1 pr. असकृलक्ष्यते त्वयि 5. 122. 10". असकृलब्धलक्षास्ते 4. 12. 14. असक्तकम कपिराजकेतुः 6.56. 27. भसतकर्मा विनिहत्य काणिः 6. 56. 24. असक्तप्रभवाव्ययम् 14. 45.9. असक्तबुद्धिः सर्वत्र 6. 40. 49". असक्तं तेजसां निधिम् 13. 14. 116". असक्तं तेषु कर्मसु 6. 31. 94. असक्तं धूतपाप्मानं 12.215. 40. असक्तं पर्वतेयपि 3. 40. 41. असक्तं पवनं यथा 14. 16. 234. असतं विचरत्युत 1. 60. 26. असक्तं शरवर्षाणि 2.71. 15. असक्तं सर्वभृञ्चैव 6. 35. 14. असक्तः पद्मपत्राक्षः 13. 40. 520. असक्तः सक्तवद्गच्छन् 12. 18. 300. असक्तः सर्वसङ्गेषु 12. 223. 16". असक्तः स विशिष्यते 6. 25.74. असक्ताः क्वचिदन्यथा 13. App. 3A. 498 post. असक्ताः परिवर्तन्ते 12. App. 18.69 pr. असक्काः सिकतास्तस्य 2.71. 154. असक्ताः सुखिनो लोके 12. 277. 14deg. असक्तिरनभिष्वङ्गः 6. 35. 90. असक्तिः प्रकृतार्थेषु 4. 120*. 112 pr. असक्तो ह्याचरन्कर्म 6.25. 19. असगोत्रा च या पितुः 13. 44. 17. असङ्गगतिना तेन 4. App. 58, 18 pr. असङ्गशस्त्रेण दृढेन छित्त्वा 6. 37. 34. असङ्गः श्रेयसो मूल 12. 287. 36. असङ्गी देवविहितः 2. 22. 21". असङ्गीन्यविवादीनि 12. 188. 4deg. असङ्गेन च गच्छति 3. 203. 500. असङ्गे संगमो नास्ति 15.42. 14. असङ्गो रुद्रतनयः 12. 121. 21". असच्च सच्चैव च यत् 1. 1. 21". असच्च सदसञ्च यः 13.73*. 8 post. असच्च सदसञ्चैव 14. 53.7". असञ्चैव च सञ्चैव 13. App. 11. 420 pr. असजनबुभूषकः 12. 116.64. असजनेनाचरितानि पुत्र 3. 113.4". असज्जन्त ततो वीराः 7. 139.60. असज्जन्त प्रजाः सर्वाः 13. 40. 10%. असजन्तस्तनुत्रेषु 9. 23.05. असज्जन्तं च कर्मणि 12. App. 15.6post. असजमानश्च गतस्तरस्वी 1. 185. 34. अस जमानं वृक्षेपु 6.67.30. 12.314.270. असज्जमानः शान्तात्मा 12. 316. 15. असजमानः सर्वेषु 12. 240. 16. असजमानो राधेय 8. 865*.2 pr. असजमानो वृक्षेषु 2. 38*. 7 pr. 3. 156*. 3 pr. असजं हन्तुमहसि 8. 66. 64f. असतश्च निबर्हयेत् 12. 73.1deg; 79. 43. असतश्च सतश्चैव 5. 68. 11". 12. App. 28. 16pr. असता धर्मकामेन 12. 297. 90. असतामिव ते भावः 12. 83. 45%. असतामेतदायुधम् 12. 96. 11'. असता यत्समाची] 12. 139. 700. असतां कीदृशं रूपं 13. 118. 70. असतां च गतिः सन्तः 5.34. 44. असतां तत्र जायन्ते 5. 126. 6. असतां दर्शनात्स्पर्शात् 3. 1. 274. असतां निग्रहार्थाय 3. App. 27.83 pr. असतां प्रतिषेधश्च 12. 14. 16". असतां विपरीता तु 5. 122.9. पादसूची-33 -257 -
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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