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________________ अष्टाङ्गविद्याश्रममुद्वहद्भिः] श्लोकपादसूची [अष्टाविंशतिरानं वा अष्टाङ्गविद्याश्रममुदहद्भिः 8. 1064*.2. अष्टाङ्गस्य च राज्यस्य 12. 122.8. अष्टाङ्गस्य तु युक्तस्य 12. 121. 444. अष्टाङ्गायां विशारदाः 2. 5. 80". अष्टाङ्गां बुद्विमाहुयाँ 3. 2. 17". अष्टाङ्गेनैव मार्गेण 3. 2.73. अष्टाङ्गे राजशार्दूल 15. 9. 89. अष्टाङ्गो यस्तु संचरेत् 14. App. 4. 613 post. अष्टाढकतिलैः कृत्वा 14. App. 4. 1166 pr. अष्टादशकपर्वकम् 1. App. 31. 29 post. अष्टादशकरात्मकः 14.90. 31. अष्टादशगुणं यत्तत् 12.328. 130. अष्टादशगुणान्धितम् 12. 308.784. अष्टादश दिनान्यद्य 9. 23. 16". अष्टादश द्वा च कुरुष यत्नम् 8. 934*. 18. अष्टादशपुराणानां 2.626*.8pr. 18.36*. 4 pr. अष्टादश पुराणानि 18. 36*. 1 pr. अष्टादशभुजं स्थाणुं 13. 14. 116. अष्टादशमथापि वा 7.900*.6 post. अष्टादश मया तस्य 2. 158*. 1 pr. अष्टादशविकल्पानां 12. App. 8.56 pr. अष्टादशविकल्पान्तां 1. App. 66.27 pr. 12. App. ___13. 27 pr. अष्टादश समाजग्मुः 1.2. 10, 234. अष्टादश सहस्राणि 1. 182*. 1 pr.; 183*. 1 pr. 2. 13. 55.6. 12.54. 13. 110. 390. अष्टादशारत्रिकं च 1. App. 31.21 pr. अष्टादशावरैर्नद्धं 2. 13.54. अष्टादशास्मिन्नध्यायाः 1.2. 189". अष्टादशाहेन हताः 15. 16.36. अष्टादशे तु दिवसे 13. 110.776. अष्टादशेमे राजानः 5.72. 11". अष्टादशैव चाध्यायाः 1.2.5. अष्टादशैवमेतानि 1. 2. 2336. अष्टानां प्रवरस्तेषां 1. 61. 46. अष्टानां मन्त्रिणां मध्ये 12.86. 10. अष्टानुचरमेकैकं 5. 84.. अष्टापदपदस्थाने 12. 287. 38. अष्टापरानय॑तमान्स लोकान् 12. 271. 454. अष्टाभिरपि भारत 8. 17.6. अष्टाभिरष्टौ राधेयः 8. 40. 48. अष्टाभिर्निशितैर्वाणः 7. App. 22.30 pr. अष्टाभिर्भरतश्रेष्ठ 6.78. 17. अष्टाभिर्वाजिनोऽविध्यत् 7. 121. 12. अष्टाभिर्विव्यधे पुनः 7.99.21'. अष्टाभिश्च गुणैर्युक्तं 12. 86.80. अष्टाभिश्च ददाति च 13. 16.35d. अष्टाभिस्त्रिभिरेव च 12. 191.74. अष्टाभिः कृतवर्माण 9. 20. 16. अष्टाभिः प्रपितामह 12.270.44. अष्टाभिः सर्वमेधैश्च 13. 106.35. अष्टाभ्यः प्रकृतिभ्यश्च 12. 327. 30%. अष्टायतशिरोग्रीवां 1.953*.2 pr. अष्टावक्रमनिन्दितम् 13. 20. 12. अष्टावक्र यथातथम् 13.22. 10. अष्टावक्रश्चिरनष्टं कहोडम् 3. 134. 31. अष्टावक्रश्चैव कहोडसूनुः 3. 132. 3. अष्टावक्रस्तथेत्युक्त्वा 13. 22. 180. अष्टावक्रस्य विप्रः 1. 128*. 18pr. अष्टावक्रस्य संवादं 13. 19. 10. अष्टावक्रं चाप्युदीर्यन्तमेव 3. 134. 214. अष्टावक्र पितुरके निषण्णम् 3. 132. 16. अष्टावक्र पूजयन्तोऽभ्युपेयुः 3. 134. 22. अष्टावक्र पूजये पूजनीयम् 3. 134. 25. अष्टावक्रं यस्य दौहित्रमाहुः 3. 649*. 3. अष्टावक्रः केन चासौ बभूव 3. 132.5. अष्टावक्रः पथि राज्ञा समेत्य 3. 132. 20. अष्टावक्रः पितरं पूजयित्वा 3. 134. 384. अष्टावक्रः प्रथितो वै महर्षिः 3. 132. 10%. अष्टावक्रः समिती गर्जमानः 3. 134.6". अष्टावक्रः संचिकीर्षन् 3. 660*.2 pr. अष्टावक्रीयमत्रैव 1. 2. 120% ; 128*. 17 pr. अष्टावके कृतोदकः 13. 26. 399. अष्टावक्रे गृहितव्योऽयमर्थः 3. 132. 14. अष्टावक्रेण मुनिना 16. 59*. 2 pr. अष्टावक्रोऽथ स मुनिः 13. 201*. 1 pr. अष्टावक्रोऽन्यपृच्छत्तां 13. 22. 20. अष्टावक्रो भ्रातृवच्छेतकेतुम् 3. 132. 154. अष्टावक्रो महातपाः 13. 19. 11'. अष्टावग्रे ब्राह्मणानां 3. 222, 40*. अष्टावजनयत्पुत्रान् 1. 92. 43. अष्टावष्टगवान्यहुः 8. 15. 284. अष्टाविमानि हर्षस्य 5.33.784. अष्टाविंशतिभिः सर्वैः 1. App 78. 34A + pr. अष्टाविंशतिरात्रं च 5. 108. 15. अष्टाविंशतिरानं वा 4. 34. 36. -255 -
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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