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________________ अव्ययात्स परंतपौ] श्लोकपादसूची [अशक्ताः सर्व एवैते अव्ययात्स परंतपौ 6. 82.35d. अव्ययोऽयं मया श्रुतः 13.96.484. अव्ययोऽहं सनातनः 13. App. 15. 4340 post. अव्ययो ह्यब्ययात्मकः 12.233.8. अव्यवच्छिन्नपिण्डितैः 7.05. 37. अव्यवस्था च सर्वत्र 12. 80. 18. अव्यवस्थितमर्यादः 12.257.4". अव्याधि कटुकं तीक्ष्णमुग्रं 2. 57. 19". अव्याधिजं कटुकं शीर्षरोगं 5. 27. 230; 36. 66. अव्यापारः परार्थेषु 2. 50.70. अव्याप्य दिव्यसंस्थानं 5. 464*.2 pr. अव्याहतगतिश्चैव 3. App. 15. 9 pr. अव्याहतमनायासं 12. 233. 13. अव्याहतं ममैश्वर्य 14. 138*. 2 pr. अव्याहतैश्चेतयते 12. 177. 380. अव्याहरति कौन्तेये 12. 14. 1"; 29. 1". अव्याहरन्नरपतिः 7. App. 8. 874 pr. अव्याहृतं व्याजहार 12. 250.34. अव्याहृतं व्याहृताच्छ्रेय आहुः 5. 36, 120. 12.288. 384. अव्युच्छिन्नं भविष्यति 3. 11. 100. अव्युच्छेत्तासि सर्वेषां 12.78. 19deg. अव्युत्क्रान्ताश्च धर्मपु 13. 24.564. अव्युत्कान्ताः स्वकर्मसु 12. 202.7". अव्युत्थानेन ते लोकाः 13. 22. 4'. अव्युत्तनं समानार्थ 2. 50.90. अव्यूहत स्वयं व्यूह 6. 77. 11'. अव्यूहतार्जुनो व्यूह 8. 32.3%; 424*. 2 pr. अव्यूहन्न महान्यूह 6. 47. 10%. अव्यूहन्मानुषं व्यूहं 6. 20. 181. अव्रणान्मूर्तिसंज्ञकात् 13. App. 11. 453 post. अव्रणैश्चारुकुण्डलैः 7. 35. 28deg. अव्रता नटमर्यादाः 13. 133.61". अवतानामुपाध्यायः 13.90.9". अवता भ्रटानियमाः 13. 133.586. अव्रती कितवः स्तेनः 13. 24. 31". अव्रती वृषलीभर्ता 13. 131. 24*. अव्रतेन च भारत 13. 24. 5. अव्रतेन वृथा चरन् 13. App. 15. 2939 post. अव्रतेलाप्यभक्तन 14. App. 4. 3280 pr. अशकन्मुगलं क्षुधा 3.246. 196. अशकं वक्तुमात्मना 15.29. 10. अशक्त इति मन्धानः 7. 108. 136. अशक्तत्वादनाथत्वात् 1. 1609*. 2 pr. अशकमिति मामेते 6.92. 100. अशक्तयः स्वस्तिकामाः 5. 134. 4. अशक्तश्च रणे भीष्मः 6.93. 10. अशक्तश्चापि संयुगे 7. 133.51". अशक्तश्चक एवाहं 2.43. 31".. अशक्तस्तु नराधिप 7. 1098*. 11 post. अशकस्तु पुमान्शैलं 4. 280*.2 pr. अशक्तं क्षत्रिय मत्वा 12.96. 5. अशकं देहधारणे 5. 103. 20. अशक्तं मन्यते जनः 5. 33. 47d. 12. 154. 34". अशक्तः कारणान्मर्त्यः 13. App. 15. 3014 pr. अशकः कार्यकरणे 1.79.6". अशकः कीचकं तत्र 4. App. 16.42 pr. अशक्तः क्रोशते नरः 1. 856*.5 post. अशकः क्षत्रधर्मण 12.79.". अशकः पाण्डवारणे 1. 1. 100. अशकः पूर्वमासीस्त्वं 12.220. 220. अशक्तः प्रतिकर्तुं तत् 5. 112. 160. अशक्तः प्रतियो वै 6. 350*. 1 pr. अशकः प्रतिसंहारे 10. 15. 120. अशकः शासितुं राज्यं 13. App. 15. 1304 pr. अशकः समरे जेतुं 5.56.38%. अशक्तः सिन्धुराजस्य 7. 126. 26deg. अशकः स्वयमादातुं 5. App. 12. 101 pr. अशका गमनाय हि 12. App. 29E. 128 post, अशक्ता गमने राजन् 12. App. 295. 130 pr. अशक्ता गुह्यधारणे 13. App. 16. 151 post. अशक्का ग्रहणे तस्य 1. App. 81.56 pr. अशकात्मपरित्राणे 13. App. 20. 194 pr. अशक्ता देवदानवैः 7. 156. 18. अशक्तानामनुग्रहात् 14. App. 4. 3320 post. अशक्तानामिवास्माकं 5. App. 12.27 pr. अशक्तानिव विक्रमे 2. 72. 164. अशक्कानेव मन्यन्ते 3. 31. 16. अशक्तान्रक्षणे मम 7.50.74. अशक्ताविव पश्यतः 7. 147. 4. अशक्तास्तत्पदं गन्तुं 8.385.2 pr. अशकास्तां गतिं गन्तुं 1. 661*. 4 pr.; 748*. 2 pr. अशक्का हि क्षणे क्रूरे 1. 158. 16. अशक्ताः किंचिदादातुं 12. 112. 420. अशक्ताः पाण्डवाः कृष्ण 5. 125. 10. अशक्ताः श्रियमाहर्तुं 3. 34. 14". अशक्ताः सर्व एवैते 5. 122. 48', पादसूची-31 -241 -
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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