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________________ अशकिरच्छितैर्वाणैः] श्लोकपादसूची [अवादयन्त संहृष्टाः अवाकिरच्छितैब णैः 7. 603*. 2 pr. अवाकिरशरव्रातः 2. App. 39. 182 pr. 7. 116. 39. 10. 8. 45. अवाकिर शरैस्तीक्ष्णैः 7. 25. 25. अवाकिरशांतनवं 6. 494*. 1 pr. अवाकिरत पाण्डवः 9. 26.51. अवाकिरत सायकैः 14.85. 104. अवाकिरत्तत्तो द्रोणः 4.53. 19. 7. 20. 14. अवाकिरत्तव सुतं 9. 25. 20. अवाकिरत्तां पृतनां 9. 13. 10. अवाकिरत्पश्यतां तायकानाम् 8.622*. 18. अवाकिरत्प्रदीशाग्रैः 7. 170.54". अवाकिरत्सहस्रेण 7. 164. 77. अवाकिरत्सुसंक्रुद्धः 7. 91. 4. अवाकिरदमेयात्मा 4.944*. 2 pr. 6. 45. 28"; 49. 25deg; 60. 20. 7. App. 22. 55 pr. 8. App. 9. 18 pr. 9. 25. 26deg. अवाकिरदनुपी चायकृन्तत् 8.60.. अवाकिरगणे कृष्णं 8. 45. 11: अवाकिरद्रथानीकं 7. 37. 230. अवाकिरद्वृषसेनरततस्तं 8. 963*. 3. अवाकिरन्द्रोणरथं 7. 93. 10. अवाकिरनप्सरसः प्रहृष्टाः 8. App. 14. 34. अवाकिरन्याणजालैः 7.64. 33. अवाकिरन्भीमसेनं 7. 110. 3. अवाकिरन्मां बलवत् 3. 167. 23. अवाकिरन्मां विश्रब्धो 5. 181. 29deg. अवाकिरंश्च ते म्लेच्छाः 7.494*.2 pr. अवाकिरं सुसंरब्धः 5. 181. 19". अवाकिरंस्तव पुत्रस्य सैन्यं 7. 154. 376. अवाकिरंस्तोयधरा यथाचलम् 8. 891*. 2. अवाकीर्यत मेदिनी 7. 464*. 2 post. 9. 14. 40. अबाकीर्यत स क्षिप्रं 7. App. 24. 17 pr. अवाकीर्यत संरब्धैः 1. 165. 37. अवाक्चैवानिलं ज्ञात्वा 12. 290. 270. अवाक्चोवं च गच्छतः 14.24.9". अवाक्शाखः पिप्पलः सप्तगोपाः 7. 172. 70deg. अवक्शिरा दिवं नीतः 13. 3.9. अवाक्शिरा दीनमनाः 1. 293*.3 pr. अवाक्शिरा ध्यानपरः 12. 126. 18". अवाक्शिरा भीमसेनः 5. 159. 44. अवाक्शिरा वा लम्बेत 13. App. 14. 312 pr. अवाक्शिराश्च भगवान् 6. 108. 12. अवाक्शिरास्तथा चापि 3. 185.5. अवाक्शिरास्तु यो लम्बेत् 13. 7. 11". अवाक्शिराः स्तब्धगात्रो विजिह्वः 7.154, 60". अवाक्शीर्षाः पतिष्यासः 13.57.4. अवाक्षिपत्ततः शब्दः 4.34. 156. अवाक्षिपतृदां तस्मै 9.57.3:30. अवशक्षिप्य महातेजाः 5. 175. 185. अवाक्षीमहिषी भोज्यां 3. 13.28. अवाक्स निरये पापः 14. 17. 34. अवाक्स्रोतस इत्येते 14. 36. 25. अवाग्गतिरपानश्च 14. 42. 34". अवाग्गान्धारि पुत्रस्ते 5.67.80. अवाग्योगप्रयोगेण 12. 208.9". अवाग्वै पाण्डवोऽविशत् 1. App. 73.52 post. अवाडिरयभावाय 14. 36. 229. अवाड्मुखं संधयति स्म रोपात् 8. 1086*.2 pr. अवाङ्मुखा बभूवुश्च 7. 969*.2 pr. अवाङ्मुखा भानुमत्यो जनित्र्यः 14. 27.18. अवाङ्मुखाश्च भीताश्च 4. App. 10. 1 pr. अवाङ्मुखाः पक्षिगणा दिनान्ते 8. 1031*. 7. अवाङ्मुखाः शस्त्रभृतः 8. 2. 24. अवाड्यो न्यस्तशिराः 13. 42. 24. अवाङ्मर्धा पतिष्यसि 12. 146. 16. अवाङ्मू श्च पश्यति 12. 239. 18. अवाचमस्वपलम् 7. 159. 40. अवाचिनोति कर्माणि 12. 154. 27deg. अवाच्यमपि भाषितम् 13. App. 15. 2593 post. अवाच्यमेतद्वक्तव्यं 12. 321. 27deg. अवाच्यवादांश्च बहून् 6. 24. 360. अवाच्यं जातु कस्यचित् 12. 237.9. अवाच्यं वायकाय वा 13. App. 15. 2837 pr. अवाच्यः कस्यचिद्भवति 5.91. 11. अवाच्यापरिमेयाश्च 12.236. 20%. अवाच्यास्तु भविष्यामः 5.70.85%. अवातमशुकादष्टं 2. 16. 28. अवातरद्रथाचूर्ण 10. 14. 4. अबातिष्ठत युद्धाय 9.55. 26. अवातिष्ठदवाङ्मुखी 1. 817*. 1 post. अवात्सं वै ब्राह्मणच्छ मनाहं 8.29. 4". अवादयत्तत्र वीणां 12. 20. 69". अवादयन्त गन्धर्वाः 9. 60. 520. अवादयन्त पाञ्चालाः 9.15.28. अवादयन्त संहृष्टाः 7. 170. 13. -231 -
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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