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________________ अर्चयामास तं चापि] महाभारतस्थ [अर्चितो यदुनन्दनः अर्चयामास तं चापि 13. 51. 34. अर्चयामास तं प्रनुम् 12.64. 134. अर्चयामासतुम्तदा 3. 204. 134. अर्चयामास दाशाई 5. 87. 230. अर्चयामास देवांश्च 2.2. 10. 12. 38. 31. 14. 14.5. अर्चयामास पार्थिवः 2. 304*. 1 post. अर्चयामास भारत 2. 17. 10'. अर्चयामास रस्त्रैश्च 2. 5.5. अर्चयामास वित्तेन 4. 32. 36deg. अर्चयामास विधिना 3. App. 24.75pr. अर्चयामास वैदर्भी 3. 68. 17. अर्चयामास सुप्रीतः 3. 218. 26. अर्चयामासुरच्य तं 5.82. 19. अर्चयामासुरेवैनं 3.212. 17. अर्चया शिवलिङ्गस्य 13. App. 15. 4369 pr. अर्चयित्वा गुहं नृप 3. 82. 68t. अर्चयित्वा च पाण्डवः 1.210. 11. अर्चयित्वा च वामनम् 3. 81.87deg. अर्चयित्वा जामदग्न्यं 3. 117. 186. अर्चयित्वा तु केशवम् 3.82. 111. अर्चयित्वा दिवाकरम् 3. 3. 140 अर्चयित्वा द्विजन्मनः 4.1169*. 1 post. अर्चयित्वा द्विजं भक्त्या 14. App. 4. 1247 pr. अर्चयित्वा द्विजावान्सः 14.64. 10. अर्चयित्वा पितॄनपि 14. App. 4. 1014 post. अर्चयित्वा पितॄन्देवान् 3. 80.66%; 81. 39; 82.6%3; 390*. 2 pr. अर्चयित्वा पितॄन्सम्यक् 12.03.20% अर्चयित्वा महाभुजम् 5. 83. 1". अर्चयित्वा महेश्वरम् 3.81. 154. अर्चयित्वा यथान्यायं 1. App. 79.24 pr. 3. 96. 14". 13.65.59. अर्चयित्वा यथायोग 13. App. 13. 45 pr. अर्चयित्वा यथाशक्ति 13. App. 15. 4320 pr. भर्चयित्वा युधिष्ठिर 3. 80.87". अर्चयित्वाई तो विनं 13. App. TA. 10 pr. अर्चयित्वा विचक्षणः 14. App. 4. 1658 post. अर्चयित्वा वृषध्वजम् 3. 82.69%. अर्चयित्वा सभासदः 2. 12.4". अर्चयित्वा सुरश्रेष्ठं 14.62. 18%. अर्चयियन्ति ये तु माम् 3. 81. 111. अर्चयिध्येऽहमय॑ त्वाम् 1.71. 19. अर्चयीत प्रयत्नेन 13. App. 15. 3210 pr. अर्चयेत यथाविधि 13. 148. 16. अर्चयेत सदा चैव 13. 80. 336. अर्चयेत्प्रीतिमान्यो मां 14. App. 4. 3030 pr. अर्चयेदतिथि प्रीतः 14. App. 4. 2274 pr. अर्चयेद्गुरुवत्प्रीतः 14. App. 4. 2272 pr. अर्चयेद्वि, शिवं मम 13. App. 15. 4373 post. अर्चयेद्राह्मणानग्नीन् 13. App. 15. 4232 pr. अर्चयेद्भूतिमन्धिच्छन् 13.62. 11'. अर्चयेद्यः शिवं मम 13. App. 15. 4371 post. अर्चयेद्यः समाप्नोति 14. App. 4. 3005 pr., 3011 pr., 3019 pr. अर्चयेन्नियतेन्द्रियः 14. App. 4. 2868 post. अर्चयेन्मधुपर्केण 13. 100. 21. अर्चापूर्व महाराज 13. 100. 17. अर्चामहेऽचितं सद्भिः 2. 35. 156. अचर्चा यत्र प्रवृत्यन्ति 2. App. 27. 12 pr. अर्चायामन्यदेव हि 13. 107. 794. अर्चायै चार्थिनां राउन् 9. 211*.2 pr. अी प्रयुज्ञानमयो 5. 192. 10. अर्चितश्च कुरुश्रेष्ठ 2. 34. 10. अचितश्च ततश्चैव 14. App. 4. 568 pr. अर्चितश्च यथायोगं 5. 176. 19. अर्चितश्च स्तुतश्चैव 3. 218. 416. अचितश्चार्चकित्यं 13. App. 16. 90 pr., 92 pr. अर्चितश्चोत्तमार्वेग 5. 121.5. अचितं पुरुषव्याघ्र 14. 67.39. अचितं माल्यदामैश्च 2. 19. 18. अचितः कुरुनन्दन 2. App. 19. 4 post. अर्चितः प्रययौ भूयः 14. 84. 10%. अर्चितः सर्वदेवतः 2.AP.21. 1146 post. अर्चिता चोपयाता च 3. App. 16. 10 pr. अर्चितानि च सर्वाणि 3.76.. अर्चितान्यासयेयास्त्वं 12. 72. 3. अर्चिता विधिवद्विजाः 12. 440*. 1 post. अर्चिताश्च नरैः पौरैः 1. 134. 8t. अर्चितास्तु ततोऽधिकम् 2. App. 29. 83 ( subst.) 1 post. अर्चितांस्तुष्टमानसान् 7.769*. 1 post. अर्चिताः सततं देवाः 3.App, 17. 11. अचितुं च महाबलम् 4. 61. 31'. अचिनेयु प्रलीनेषु 14.27. 15. अचिंतेचर्चितोऽस्म्यहम् 14. App. 1. 510 post. अचिौरचनात् श्च 5. 88. 14". अर्चितो यदुनन्दनः 2. App. 20. 5 post. --206 -
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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