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________________ अक्षैविमथितैश्चकैः] श्लोकपादसूची [ अखिलामश्नुते महीम् अक्षैर्विमथितैश्चकैः 7. 10. 18; 13. 16. अक्षैश्च बहुधा भन्नैः 7. 97. 21. अक्षैश्च बहुधा रणे 7. App. 17. 3 post. अक्षैर्हि शिक्षितोऽभ्येति 2. 503*. ] pr. अक्षः काञ्चनराजतैः 13. 42. 25. अक्षो भन्नो ध्वजश्छिन्नः 7.31. 200. अक्षोभ्यमिव सागरम् 7. 92.41. 12.210.. अक्षोभ्यत तदा राजन् 9. 17. 10. अक्षोभ्यं क्षोभयंस्ताक्ष्य 5. 103.18%. अक्षोभ्यं यत्प्रकीर्णं च 13. App. 15. 2962 pr. अक्षोभ्योऽयमभेद्यश्च 6.21.4". अक्षौहिणीति पर्यायः 5. 152.22. अक्षौहिणीनां तिसृणां 2.16.124. अक्षौहिणीनां पतयः 6. 16.35. अक्षौहिणीनां सर्वासां 9. 1.35. अक्षौ हेणीपतींश्चान्यान् 5. 149.45. अक्षौहिणीपतीनुग्रान् 8.51. 14. अक्षौहिणीपतीन्दृष्ट्वा 9. 23. 30". अक्षौहिणीपती राजन् 5. 41*. I pr. अक्षौहिणीपरिवृताः 5.56. 9". अक्षौहिणीभिर्दशभिः 1.89. 33. अक्षौहिणीभिर्यान्देशान् 5. 60. 150. अक्षौहिणीभिस्तिसृभिः 14.59.22. अक्षौहिणीभिः शिष्टाभिः 14.59. 14", 19. अक्षौहिणीभ्यां सहितौ 4.67. 16. अक्षौहिणीमभ्यधिकां 7.1.31". अक्षौहिणीरप्ट हत्वा 7. 1025*5pr. अक्षौहिणीदर्शकां च 8. 4. 12. अक्षौहिणीमहाबाहुः 11. 17. 16. अक्षौहिणी हि सेना सा 5. 19.64. अक्षौहिणीं तव तूर्ण जघान 7. 1241*... अक्षौहिणी राक्षसानां 7. 1:31. 11. अक्षाहिणी वा सैन्यस्य 1.2.138. अक्षाहिणीः सप्त युधिष्टिरस्य 1. 1. 116. अक्षोहिणीः सप्त लब्ध्वा 5.55. 1". अक्षौहिणीः सप्त हत्वा 1.2. 163. 7. 125.1:. अक्षौहिण्य इति प्रोक्तं 1.2. 130. अक्षौहिण्यश्च या मम 6. 91... अक्षौहिण्यश्च संरब्धाः 7. 87.44. अक्षौहिण्यस्तथा तिस्रः 8. 43.75M. अक्षौहिण्यस्तु सप्तैताः 5. 149. 3. अक्षाहिण्यस्तु सप्तैव 5. 19. 130; 152.23. अक्षौहिण्यः समेतास्तु 9. 28. 11". अक्षौहिण्यः सुदुर्जयाः 7.57. 12. अक्षौहिण्या च तेजस्वी 4.67. 174. अक्षाहिण्या च पाञ्चाल्यः 6. 19.250. अक्षौहिण्याथ पाञ्चाल्यो 5.56. 4". अक्षौहिण्या निरुत्साहाः 14.59. 23. अक्षौहिण्या परिवृतः 5. 326*. 1 pr. अक्षौहिण्या परिवृताः 8. App. 18. 10pr. अक्षौहिण्या पृथक्पृथक् 5. 19. 164. अक्षौहिण्या महावीर्यः 5. 155 17. अक्षौहिण्या विशां पते 5. 19.21. अक्षौहिण्या वृता वीराः 7. 19.9. अक्षौहिण्या समग्राया 6.65. 100. अक्षौहिण्या समाद्रवन् 5. 19.25 अक्षौहिण्या समावृतः 7. 131. 20. अक्षौहिण्याः परीमाण 1. 2. 11". अक्षौहिण्याः प्रसंख्यानं 1. 2. 194. अक्षौहिण्यैव सेनायाः 5. 19. 17. अक्षौहिण्यैव सैन्यस्य 5. 19.8; 56.7. अक्षौहिण्यो दशाटौ च 9. App. 5. pr. अक्षौहिण्यो दशैका च 5. 148.50; 152. 234. 6. 18. 180. 7.5.2802. 196. 12. 151. 320. अक्षौहिण्यो दशैकां च 6. 19. 14. अक्षौहिण्यो द्विजश्रेष्ठाः 1. 2. 24. अक्षौहिण्यो महाराज 15. 16.30. अक्षौहिण्यो युयुत्सया 1. 2. 100, 2314. अक्षौहिण्यो हताश्चाष्टौ 11. 1.6. अक्षौहिण्यो हि ताः सर्वाः 7.56. 200. अक्षौहिण्यो हि मे राजन् 5. 54. 620. अक्षौहिण्यो हि सप्तेमाः 5.78.9. अक्षौहिण्यो हि सप्तव 5. 20. 16". अशोरुन्मीलनार्थाय 7.225*. I pr. अक्षणानिमेषमाग्रेण 7. 42. 11"; 49. 17; 140. 300. 8. 56.22. अखण्डमपि वा मासं 12.280. 484. अखण्डं सम्यगारब्धं 13.74.8. अखादन्ननुमोदंश्च 13. 116. 394. अखिलं दैवतं सर्वं 12.255. 19". अखिलं भारतं चेदं 18.37*.2 pr. अखिलं श्रोतुमिच्छामि 9. 2.65. अखिलानश्नुवीमहि 13. 15. 1". अखिलान्सिन्धुसौवीरान 3. 251. 18deg. अखिलामरमौल्पङ्ग- 12. App. 15. 110 pr. अग्बिलामश्नुते महीम् 1. App. 32. 1 post. - 11 -
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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