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________________ अपः पृथ्वी सरस्वतीम् ] महाभारतस्थ [ अपानो व्यान एव च अपः पृथ्वी सरस्वतीम् 13. 32.. अपः प्रदाय शीतोष्णाः 12. 226. 17. अपः प्रादादकिंचनः 14. 93.7. अपः संचिन्तयामास 12.273.16. अपः संप्राविशत्प्रभुः 3. App. 27.51 post. अपः संसृज्य तेजोभिः 13.84.2. अपः सृष्ट्वा ह्यात्मभूरात्मयोनिः 13. 143. 35. अपः स्पृशति यो नरः 3. 114.12. अपः स्पृष्ट्वा यतव्रतः 1. 43. 104. अपाकर्षत पार्षतः 7.70. 19". अपाकर्षद्गृह्य पाणौ रुदन्तं 3. 132. 16. अपाकर्ष दानवानन्तरिक्षात् 14. 9. 30. अपाकर्षः कृपान्धिताः 3. 128.2. अपाकृता ततः शक्र 12.218. 15. अपाकृष्य तु तं सुतम् 3. 128.4. अपाकृष्यन्त शैलानात् 3. 159. 33". अपाक्रमेतां युद्धातौं 8. 18. 15. अपाक्रमेः संप्रदाय स्वमेभ्यः 5.27.27. अपाक्रामत्त्वरान्वितः 7. 196*. 1 post. अपाक्रामद्गदापाणिः 14.59. 26". अपाक्रामद्धतरथः 9.24.21. अपाक्रामद्रथोपस्थात् 7. 48.. अपाक्रामन्त ताः सर्वाः 1. 998*3pr. अपाक्रामस्ततो भीताः 1. App. 9. 6 pr. अपाक्षिपद्वासुदेवं 2. 38.32". मपागृहात्तपसा जातमन्युः 14.9.24. अपातेयमिव त्यक्त्वा 8. 12. 47. अपाङ्तेया द्विजा वाः 13. A1-p. 15. 3499 pr. अपातेयान्दिजाधमान् 13.00. 11. भपातेयास्तु ये राजन् 13, 90.59. भपातेयैर्युधिष्टिर 13. 409*. 1 post. अपाङ्गदेशाभिनिविष्टमाजौ 8. 1056*. 4. अपाचकः सदा योगी 12. 12.. अपाचयनात्मनोऽर्थे 12.221.62". भपाजहुर्महावेगाः 4.52. 28. अपाञ्चालं किलाच्युत 7. 124. 80'. अपाञ्चाल्यं क्रियते याहि पार्थ 8. 60. 10% अपाणयः पाणिमतां 12. 100. 15. भपाणित्वायं ब्रह्मन् 12. 173.12. अपाणिपादपृष्टं तं 14. 46. 450. भपाण्डवायेति मुने 10. 15. 16. अपाण्डवायेति रुषा 1. 2. 185, 10. 13. is. अपातयच्च तद्भुतं 3.168.38. अपातयत भूतले 12. 4. 174. अपातयत् कुण्डलिनं 6.92.23%. अपातयत्ततो द्रोणः 7. 155*. 10 pr. अपातयत्समक्षं ते 9. App. 2.24 pr. अपातयद्रोणसुतः 10. 8. 106. अपातयव जमस्य प्रमथ्य 4. 49. 10. अपातयवांश्चैव 6. 102. 120. अपातयल इवद्वितीयः 5. 47. 72. अपातयद्रणे राजन् 7. 15.5. अपातयधोपस्थे 8. 471*.pr. अपातयन्त पुत्रांस्ते 6. 92. 25. अपातयन्त भल्लाः 12. 49. 436 अपातयन्पार्थमूर्ति 8. 37. 3. [अ]पातयं पन्नगानिव 5. 181. 354. अपातयं शरैदीप्तः 5. 170. 20%. अपात्रदाने ये दोषाः 8.27. 20. अपात्रमसमर्थ च 8. 24. 135. अपात्रे प्रतिपत्तिश्च 5.33.54. 12. App. 4.64 pr. अपात्रेभ्यश्च दीयते 6. 39. 200. अपात्रेभ्यश्च ये दानं 13. App. 15. 1946 pr. अपात्रेभ्योऽपि चान्येभ्यः 13. App. 15. 3159 pr. अपाथेयमदेशिकम् 12.316. 31". 13. App. 3. 112 post. अयाई बा त्रिपाद वा 2. App.28.81 pr. अमान न त्वं श्रेष्टोऽसि 14.23.12. अपानपानगदिताः 3.App. 21A. 1E7pr. अपानप्राणयोर्मध्ये 12. 178. 100. 13. App. 15. 4273 pr. 14.20.16. अपानश्च ततो ज्ञेयः 12.315. 336. अपानं गिरति प्राणः 5.15. 130. अपानः परिवर्तते 12. 178.6. अपानः प्रचचाराय 14.23. 134. अपानाक्षः प्राणयुगः 12.228.86. अपानीयत संगरात 7.96. 414. अपानीयमधासकम् 1. App. 81. 157 post. अपानुदद्भयं पार्थात् 7.52.336. अपाने जुह्वति प्राणं 6.26.29. अपाने नव दयाः स्युः 13. App. 10.80 pr. अपाने मृत्तिकास्तिस्रः 13. App. 10. 78pr. अपाने सर्वतीर्थानि 14. App.4.2017pr. अपाने संभृतो वायुः 14.23.4. अपानो जायते ततः 14.28. 1. अपानोदानयोर्मध्ये 3. 203. 234. अपानो व्यान एव च 14. App. 1. 881 post. - 142 -
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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