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________________ अपश्यशत्रुदमनं] श्लोकपादसूची [ अपश्यन्तः परस्परम् अपश्यशत्रुदमनं 8.27.46. अपश्यशरतल्पस्थं 6. 114.92%. अपश्यत ततोऽसितः 9. 49. 38. अपश्यत तदा पार्थः 7.57.336. अपश्यत द्रुमं कंचित् 13. App. 1A,306 pr. अपश्यत मरौ तस्मिन् 14.54. 15deg. अपश्यत महागजम् 11.5.13d. अपश्यत महात्मानम् 12.263. 15. अपश्यत महाप्राज्ञं 9.28.83". अपश्यत महाबलम् 11.21*. 1 post. अपश्यत महाबाहुः 10. 1.34. अपश्यत यदृच्छया 1. 139.21. अपश्यतस्तद्वदनं 7. 50. 33. अपश्यतां प्रियान्पुत्रान् 12. 149.21". अपश्यतां समायान्तं 1. 15. 1. अपश्यतो दीर्घबाहुं 7.50. 49. अपश्यतोऽद्य वीरस्य 7.50. 35. अपश्यतो विषक्तस्य 7. 118.4. अपश्यत्कपिसैन्यं तत् 3. 271.1". अपश्यत्कामसंतप्तः 1.513*.8pr. अपश्यत्कृतमाकाशं 10.6. 17. अपश्यत्कोटरालयम् 12. 136. 32. अपश्यत्तत्र गत्वा तं 3. 198. 100. अपश्यत्तत्र तिष्ठन्ती 11. 16. 1. अपश्यत्तत्र पाञ्चाली 3. 152.24. अपश्यत्तं तदा सुतं 12.391*.3pr. अपश्यत्पतमाना सा 1. App. 35. 24 pr. अपश्यत्तरिमार्गश्च 13. 69. 124. अपश्यत्पर्वतं श्वेतं 3.214. 10. अपश्यत्पाण्डवश्रेष्टः 3. 171*. 6 pr. अपश्यत्पुनरागतान् 1.2.2144. अपश्यत्प्रीतिजननं 3. 150. 27. अपश्यत्स तु शंकरः 12. 278.25. अपश्यत्स महारथः 6.73.49". अपश्यत्सर्वभूतानि 12. 263. 13". अपश्यत्संजयो नूनं 5. 49. 124. अपश्यत्सुप्तमन्तिकात 10.8.124. अपश्यत्सुमहाफलम् 12. App. 15. 28 post. अपश्यत्सैन्धवो रविम् 7. 1009*. 18 post. अपश्यत्सौम्यभावंच 13. 141.80. अपश्यदग्निमायान्तं 3.215. 19. अपश्यदग्निवल्लोकान् 3. 207. 11'. अपश्यदजितः संख्ये 1. 166.40. अपश्यदन्तरिक्षस्थान् 5.92. 40. अपश्यदपरं घोरं 12. 136.29%. अपश्यदबीचैनं 5.9.25deg. अपश्यदमितद्युतिः 537*. 1 post. अपश्यदमृतान्ति के 1.29.2". अपश्यदात्मनः कार्य 3. 51.7". अपश्यदेताशस्त्रायः 11. 15. 11'. अपश्यद्गतचेतनम् 13. 1. 10". अपश्यद्गाण्डिवं तत्र 4.38. 16. अपश्यद्दीव्यमानान्वै 13. 42.25. अपश्यःखितां देवीं 15. 37. 16. अपश्यद्देवदेवस्य 6. 33. 13deg. अपश्यद्देवपूजितम् 9. 49. 30'. अपश्यद्रौपदीपुत्रान् 10. 8. 44. अपश्यदलाकरान् 7.57.31". अपश्यद्राह्मणभान 7.58. 14d. अपश्यद्राह्मणी रुपा 1. 173. 16". अपश्यद्भगवानृषिः 12,311.24. अपश्यद्भगवान्विणुः 12. 314. 11. अपश्य जगः कश्चित् 14.57.21". अपश्यद्गुनन्दनम् 1. 1311*. 6 post. अपश्यद्भशविक्षतम् 9. App. 1. 95 post. अपश्यताम्वेदमनि 3.65.6". अपश्यद्वानरं सुतं 3.715.2pr. अपश्यद्विवृतां तदा 1. 66.. अपश्यद्वृषभध्वजम् 7.57.34. अपश्य दिवं यान्तं 9.19.260. अपश्यद्वै पराशरः 1.3.564. अपश्यदेशसं तच्च 3. App. 10. 49 pr. अपश्यदेशसं तत्र 3. App. 12.9 pr. अपश्यन्किचिदात्मनि 13. 125. 30. अपश्यन्कुरुपाण्डवाः 9.92.43d. अपश्यन्त जनार्दनम् 13. 126. 454. अपश्यन्त तपस्यन्तम् 13. 141.4. अपश्यन्त दिवौकसः 3.218.39. अपश्यन्त निरालम्बं 5. 119.5. अपश्यन्त रणं दिव्यं 5. 179. 19. अपश्यन्त वनं घोरं 10. 1. 17. अपश्यन्त हतांस्तत्र 11. 16. 11'. अपश्यन्त हयं तत्र 3. 105.2. अपश्यन्तं च पश्यति 12. App. 2918. 280 post. ; APP. 29C. 266 post. अपश्यन्तः परस्परम् 12. 68. 10". - 139 -
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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