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________________ अपरेऽवस्थितास्तत्र] महाभारतस्थ [अपश्यच्छरविक्षतम् अपरेऽवस्थितास्तत्र 8. App. 4.5pr. अपरे विस्मयान्नोचुः 13. App. 15. 1653 pr. अपरे वेदपारगाः 12. App. 20.121 post. अपरे व्यजनानीव 8. 169*. Spr. अपरे शुभमित्यपि 13. App. 15.2253 post. अपरेषां च कूजताम् 10. 8. 120*. अपरेषां परेषां च 13.34.220358,356. अपरेषां महात्मनाम् 11. 16.30. अपरेषां विशां पते 8. 169*.9 post. अपरेषां शनैरपि 13. 14.51. अपरे सर्वलोकांश्च 13. App. 15. 4210 pr. अपरे सहसा गृह्य 8. 169*. pr. अपरे स्तम्भिनो नित्यं 13. 133. 17. अपरे स्वर्गकाशिणः 12. 161. 17. अपरे स्वल्पविज्ञानाः 13. 133.57. अपरे हस्तिभिहस्तैः 8. 169*. 3 pr. अपरैश्चापि संलीनैः 3. 98. 16. अपरैः प्राकृतैरपि 12. 286. 264. अपरोक्षनिशाचराः 13. App. 14. 451 post. अपरोक्षं च विद्यासु 6. 72.. अपरोक्षं महाराज 5.337*. 1 pr. अपरोक्षो हि ते धर्मः 12. 32.9. अपरो दृश्यते सैन्ये 4. App 31. 17pr. अपरोऽल्पबलप्राणः 3. 10. 12. अपरौ च महावीयौं 2. 13. 11". अपरौ चाप्यतिक्रान्तौ 4. 48. 6. अपर्यन्तबलो राजा 2. 13. 13. अपर्यन्तमजाविकम् 2. 67. 18. अपर्यन्तं धनौघं तं 2.45,230. अपर्यन्तां धनंजयः 7.760*. 3 post. अपर्यन्तां स सात्यकिः 7. 88 384. अपर्यन्ते बले मग्नः 7. 85. 79". अपर्याप्तं तदस्माकं 6. 23. 100%; 47.6". अपर्याप्तान्स्वतेजसा 1. App. 67. 41 post. अपर्युषितपापास्ते 1. 1714*. 3 pr. अपर्युषितमेव च 13. App. 15.2075 post. अपर्वणि ग्रहावेतौ 6. 3. 29". अपर्वणि च मध्याह्ने 2. App. 28. 107 pr. अपर्वणि महाघोरं 2.72.21. अपर्वणि महाराज 3. 188.790. अपर्वणि विशां पते 2.71.26%; App. 28.98 post. 9.55. 10. अपर्यास्वनिषिद्धासु 13. 203*. 3 pr. अपलक्षणसंपन्नाः 13. App. 15. 2002 pr. अपवर्गगतिनित्यः 12. 262. 200. अपवर्गश्च मुक्तानां 13. 16. 37. अपवर्गेण भुज्यते 5. 104.22%. अपवर्गे तु वैश्यस्य 13. 24.37". अपवर्गेऽथ संत्यागे 12. 261. 30. अपवर्गे प्रतिष्टितम् 12.262. 431. अपवर्गोऽमरामरः 13. App. 11. 399 post. अपवर्गोऽसि भूतानां 12. 47.55%; 51.3. अपवर्गोऽस्य दक्षिणा 14. 25. 15. अपवर्तय गाः सर्वाः 4. 1051*. 10 pr. अपवादतितिक्षाभिः 8.27. 102". अपवादरता मूखीः 1. 662*. 1 pr. अपवाद ह्यात्मनश्च 7. 87.24. अपवादात्प्रमुच्यते 13. 56s*. 4 post. अपविज्ञानमेतत्ते 14.94. 134. अपवित्रं न संशयः 14. App. 4. 3248 post. अपवित्रो विभीतकः 3. 333*. 1 post. अपविद्धः स उच्यते 13. 313*. 15 post. अपविद्वाग्निहोत्रस्य 12. 235.9. अपविद्वायुधं कर्ण 8.51. 87. अपविद्वायुधैर्मार्गः 8.58. 12. अपविहां प्रवेपतीम् 7. 55. 35. अपविद्वैरितस्ततः 12. App. 28. 134 post. अपविद्वैबभौ भूमिः 7. App. 17. 13 pr. अपविद्वैर्महाराज 6. 92. 750. अपविद्वैस्तथा शीः 7. App. 21. 23 pr. अपविध्य च सर्वाणि 1. 821*. 4 pr. अपविध्य धनुश्छिन्नं 8. 20. 120. अपविध्यन्ति पापानि 12.98.5". अपवृत्तं तदानघ 7.62. 14. अपशास्त्रपरो राजा 12. 72. 14. अपशुपतिवरप्रसादजा मे 13. 14. 95%. अपश्चिममिदं वत्स 13. App. 20. 203 pr. अपश्चिममिमं पुत्र 13. App. 20. 225 pr. अपश्चिमामिमां कष्टां 3. App. 10. 82 pr. ; App. 11. 73pr.; App. 12. 36 pr. अपश्यञ्च महात्मानं 3. 106. 21. अपश्यञ्चापि सौमित्रि 3. 1282A*. 2 pr. अपश्यच्छकुनान्कांश्चित् 3. 58. 11. अपश्यच्छयने सुप्तं 10. 8. 32". अपश्यच्छरविक्षतम् 8. App. 43. 113 post. - 138 -
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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