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________________ अन्नं विप्रेषु संस्कृतम् श्लोकपादसूची [अन्यज्ज्ञेयं तदुच्यते अन्नं विप्रेषु संस्कृतम् 3. App. 21.A. 73 prost. अन्नं विहितमत्य यत 1.14.23. अन्नं वै परमं देवं 13. 65.574. अन्नं शूद्रे महाफलम् 13. 62. 17'. अन्नं शूरस्य कातरा: 12. 100. 14. अन्नं श्राकृतं मया 13. 118.21. अन्नं श्रीश्च परा मता 13.65. . अन्नं श्रेष्ठमुदाहृतम् 13. 113.". अन्नं संभवति प्रभो 13. 97.234. अन्नं हि दत्त्वातिथये 13.02. 274. अनं हि परमा गति: 13. 113.254. अन्नं हि सततं गायः 13.77.6. अन्नं यमृतमित्याह 13.62. 31". अन्नं ह्यमृतमित्याहुः 14, App. 4. 2287 pr. अन्नात्प्रभवति प्राणः 13.62.8.14. App. 1.2268pr. अन्नात्प्राणभृतस्तात 13.66.54 अन्नात्प्राणः प्रभवति 12. 18.27. 13.63.5. अन्नात्प्राणाः प्रतिष्ठिताः 14. App. 4. 2156 post. अन्नात्प्रियतरः कृष्ण 13. 183*. 4 pr. अन्नादिसमुदाचारः 3.289.4". अन्नादीनां च दानानां 13. App. 3.31 pr. अन्नादुद्धृत्य तच्चान्नं 1. App. 100. 14 pr. अन्नाद्गृहस्था लोकेऽस्मिन् 12. 18.27. 13.69.. अन्नाद्वि. प्रसवं विद्धि 13.62.304 अन्नादलं च तेजश्च 13. 66.6". अन्नाद्भवन्ति मृतानि 6.25 14". अन्नाद्भवन्ति राजेन्द्र 14. App. 4.889 pr. अन्नाद्यभूता लोकस्य 3. 199.5. अन्नाद्यल्पोपभोगेन 13. App. 15. 1070 pr. अन्नाद्यस्मात्प्रवर्तन्ते 14. App. 4. 891 pr. अन्नाद्याहरणे युक्ताः 2. 30. 30deg. अन्नाद्येन च पूजयेत् 14. App. 4. 995 post. अन्नाद्येन प्रजापतिः 3. App. 21A. 12post. अन्नाद्येनोद केन वा 13. 100.8. अन्नाद्येऽर्थे सुसंस्कृतान् 2. 342*. 9 post. अन्नाद्ये व्याहताः सन्तु 2.342*.7pr. अज्ञाद्रक्तं च शुक्त च 14. App. 4. 875pr. अन्नानामपि पर्याय 9.31.29. अन्नानां वाससां चैव 13. 67. 1. अन्नानि च धनानि च 7. App. 8.712 post. अन्नानि प्रातःसबने 13.59. 15. अन्नानि शय्या वासांसि 5. 39 4*. 4 pr. अन्नार्थिनमनुप्राप्तं 3.246. 136. अक्षार्थिनी समभ्यागात् 1. 136.7. अन्नार्थी त्वं तमन्नेन !. 167.26. अन्ने जीवः प्रतिष्ठितः 14.App. I. STD post. अन्ने दत्ते नरेणेह 13. Gi. s". अन्ने दत्ते मृतानां तु 13. App. 15. 3562 pr. अन्नेन धार्यते सर्व 13.62.7". 14. App. 1.2267 pr. अन्नेन पूजनीयः ला : APP. I. 22782. अनेन सदृशं दानं 13. 12. G. I. App. 4. 2155 pr. अन्ने नाधिष्ठितः प्रागः 14. App. 4. 894 pr. अन्नेनान्नं च यो लिपसेत् 13.21.46. अन्नेनोञ्छार्जितेन वै 13. 129. 50. अन्ने प्रतिष्ठिता लोकाः 13. 113.8. अन्ने प्राणाः निष्ठिताः 14. App. 4. 881 post. अन्ने भावो भविष्यति 13. 114. 38". अन्ने दन्तालग्नेयु 13. App. 10. 129 pr. अन्नैरुच्चावचैरपि 12. 1:37. अन्नैगि रनिभरिदम् 1. APP. 92.37 post. अन्नर्बहुविधैः पुष्टं 13. APP..96 pr. अन्नोपहितमाशु वै 1. 10.29. अन्नौषध्यो महाराज 13. 66. 130. अन्य एव तथा मत्यः 12.30:3. 15. अन्य एव तु निर्गुणः 13. APP. 11, 295 post. अन्य एव इति द्विजः 12.3016.74. अन्यकामासि गम्यताम् 1. App. 55. 11 post. अन्यकामा हि धर्मज्ञ 2. 38. 214 अन्यगेहाद्विमोक्षणैः 13. App. TA. 177 post. अन्यगोत्रं प्रशस्तं वा 12.63. 196. अन्यच्च तस्मिन्सुमहत् 3.73114 अन्यच्च तस्या हुतदर्शनीयं 3. 112.5". अन्यच्च तस्याद्भुतदर्शनीया 3.550*. 1. अन्यच्च धनराददे 7.2014 अन्यच्च धर्मसाम्यं यत् 12. 605*. 1 pr. अन्यच्च या राजेन्द्र 7.9.7".1pr. अन्यच वित्तं विविधं नरेन्द्र 13. 105.12. अन्यच्च वित्तं विविधं महर्षे 13. 105, 11'. अन्यच्च विविधं रत्नं 2. APP.83.25pr. अन्यच्च संप्रभाषन्ते 4.App. 22.17 pr. अन्यच्चापि महीपते 4.3.. अन्यञ्चैवापतद्भुवि 3. 220. 11'. अन्वच्च क्षैः सुसंस्कृतम् 12.257. 11t. अन्यच्चोदुम्बरं तथा 12. 303. 11'. अन्यजन्मनि विहांसं 13. App. 17. 18pr. अन्यज्ज्ञेयं तदुच्यते 12. 294. 39". d - 119 -
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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