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________________ भकर्तव्यं कथंचन] महाभारतस्थ [अकामात्मा समवृत्तिः प्रजासु अकर्तव्यं कथंचन 7. 87.. 13. 2. 46". अकर्तव्यमपि ह्येतत् 5.8.27. अकर्तव्ये हि मां पापे 4. App. 15. 40 pr. अकर्ता कर्तृ चात्मानं 12. 759*. 1 pr. अकर्ता चाकृतज्ञश्च 5. 90.. अकर्ता चाविकारि च 13. App. 15. 2327 pr. अकर्ता चैव कर्ता च 12. 336.50*. 13. 123. 13. अकर्तारं स पश्यति 6. 35. 29". अकर्तारममूर्तं च 12. 316. 53". अकर्तालेपको नित्यः 13. App. 15. 4203 pr. अकती हेतुरचल: 12. App. 178.96 pr. अकर्ता ह्येव भवति 12. 217. 15. अकर्तुकामेव समाददे तदा 4. 637*. 10 अकतात च यं विदुः 12. 330. 57. अकर्दमामनुदकां 12. 101. 184. अकर्दमा मानवत्यः सुतीर्थाः 3. 184. 6. अकर्मणश्च बोद्धव्यं 6. 26. 17. अकर्मणः फलं चैव 12.271.25". अकर्मणा कत्थितेन 5. 157. 10%. अकर्मणां वै भूतानां 3. 115*. 1 pr. अकर्मणि च कर्म यः 6. 26. 18. अकर्मयोग्य संशाण 13 App. 15. 2280 pr. अकर्मशीलं च महारानं च 5. 37. 31". अकर्मा चाविकाङ्कश्च 14. 19. 84. अकर्माणो हि जीवन्ति 3. 33. 3deg. अकर्मी कर्मिण द्वेष्टि 1. 856*. 8 pr. अकरीयत्स्वकं दहं 7. App. 8. 183 pr. [अ]कलः कलिकलः कलिः 12. App. 28. 300 post. अकल्ककस्य विग्रस्य 13. 24.534. अकल्कको निरारम्भः 3. 80. 334. अकल्कको ह्यतर्कश्च 13. 24. 300. अकल्प्यन्त च मातङ्गाः 9.7.3". अकल्मवः कल्मपाणां 3.211.20deg. अकल्याणैर्नराधमैः 3. 61.78. अकषायकृतश्चैव 13. 132. 15. अकस्माच्चक्षुषः प्राप्तिः 3. 282. 336. अकस्माञ्च प्रहसति 13. 141. 17. अकस्माच्च विरज्यते 12. 162. 12. अकस्माञ्च स्रवेद्यस्य 12. 305. 16. अकस्माच्चापकर्षणम् 12. 112. 84. अकस्माञ्चैव ते कृष्ण 5. App.9. 105 pr. अकस्माञ्चैव पार्थानां 5. 89. 276. अकस्माकोधलोभावा 12, 108. 290. अकस्मात्पाण्डवान्हि त्वं 6. 117. 11". 7. App. 1. 12 pr. अकस्मात्प्रक्रिया नृणां 12. 112.84". अकस्मात्सहसा प्राप्तं 3.71. 20%. अकस्मात्प्मयमानश्च 5.73. 10% अकस्मादपि यः कश्चित् 3. 33. 14. अकस्मादबलां नारी 2. App. 6. 30 pr. अकस्मादेत्य च ब्रूते 3. App. 25. 26 pr. अकस्मादेव कुप्यन्ति 5.36. 300. अकस्माद्धर्मपुत्रस्य 2.34. 150. अकस्मायदि वा कस्मात् 12. 238. 23. अकस्माविषसे राजन 5.89.26%. अकस्माद्वयथते कथम् 5. 54.56d. अकस्मान्नो भयात्त्यक्ताः 13. 118. 22. अकस्मान्मधुसूदन 5. 125.38. अकस्मान्मृत्युनाशितः 12. 309. 184. अकासितश्च कर्णन 7. 1043*. 1 pr. अकापुरुषसेवितम् 7. App. 5. 31 post. 9. 22. 41. अकाम इव तं राजा 3. 70. 200. अकाम इव बीभत्सुः 6. 102. 35. अकामकृतमज्ञातं 14. App. 4. 1995 pr. अकामद्वेषयुक्तस्य 12. 66.50. अकामद्वेषसंयुक्तं 12. 72. 12. अकामद्वेषसंयुक्तः 12. 80.50% 234. 14. अकामद्वेषसंयुक्ताः 3. 198. 88. अकामद्वेषसंयोगात् 5. 60. 31. अकामफलसंयोगात् 3. 148. 20. अकामयत्तं राज्यार्थे 1. 177*. 1 pr. अकामयानस्य च सर्वकामान् 14. 28. 4. अकामयानेन तदा 3. 139.6deg. अकामयानेन मया 7. 122. 184. अकामवृत्तो धर्मात्मन् 1. App. 55. 6 pr. अकामस्तु निवर्तते 13. App. 3. 105 post. अकामस्य शतक्रतोः 1. 215.124. 4. 1134*.5 post. अकामस्येव कृष्णस्य 5. 92. 3. अकामहत इत्येषः 14. 38. 5. अकामहतसंकल्पाः 13. App. 3A. 429 pr. अकामं तेन वम्तव्य 13.72. 480. अकामं त्वा करिष्यामि 14.66. 11". अकामं भयपीडितम् 4.36. 471. अकामं भ्रातृभिः साधं 5. 128. 3. अकामा इव पार्थास्ते 2. 2. 230. अकामात्मापि हि सदा 12. 170.6. अकामात्मा समवृत्तिः प्रजासु 5.29.20.
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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