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________________ अनृते या फलावाप्तिः] श्लोकपादसूची [अनेके सुनयः सिद्धाः अनृते या फलाराप्तिः 2.61.56". अनेकयोनयश्चान्ये 7. 47. 360 अनृतोक्तं प्रजा हन्यात् 8.20.384. अनेकरत्नाकराणा च: 12.291.90% अनृतौ जटी व्रतिन्यां वै 13. 06. 27". अनेकरामदुधः 13.AP. 4. 4G pr. अनृती मैथुनं यातु 13.95. 63deg. अनेकरूपदेलान 13. 63.3*. . अनृत्यडिव गाण्डीवं 7.373*. 1pr. अनेकरू पसंयुक्तैः 3. 170. . अनृस्विगनुपाध्यायः 13.90.31. अनेकरूपसंस्थानाः 3. 110. (60. अनृत्विज हुतं नास्ति 12. 78.226. अनेकरूपं राजेन्द्र 5.5 ". अनृशंसपुरःसरम् 13. App. 15. 3612 post. अनेक पाकृतिभिहि बाणः 9. 25. 6. अनृशंसश्चरेदर्थ 12. 71.3. अनेकवान्यन 6.33. 10. अनृशंसं जितेन्द्रियम् 12.76. 37. अनेकवारण्या 2.11.1s'. अनृशंसं बहुश्रुतम् 12. 107.6. अनेकवणः विवेथाः 7.551.11. अनुशं पंहुचिं दान्तं 12.50. 21". अनेकवणश्च सुगन्धिभिश्च 3. 101.. अनृशं शुचिर्दान्तः 12. 297. 14. अनेकों देशद: 21221. 45. अनृशं नामपैशुनाम् 12. 208. 10. अनेकवसुसंयुक्ताः 13. .. . 1. 13. !r. अनृशंसास्तु कौन्तेयाः 3. 231. 20. अनेकशतामानि 13.52 ; 70.22; App. 15. अनृशंसाः शीलवृत्तोपपन्नाः 5. 30. 24. अनृशंसो वदान्यश्च 5.52. 10%. अनेक सतयज्यानं 5. 120.12. अनेककटिपादश्च 13. App. t. pr. करतरत्नाभिः 2. App.AI TRONpr. अनेककन्दरदरी- 13. App. 20.10 pr. अनेक सतवर्ष 3. 1850 अनेकक्रतुदानौधैः 5. 121. 11, 13. अनेक गावाः 3. 100.. अनेकक्रनुयनानं 11.24.5* अनेकस्तविस्तीर्ण 3.266.11". अनेकक्रतुयाजिनम् 10. 67*. 4 post. अनेकश तसंख्यानि 14.1. !: 0:. अनेकगणसंवृत्तः 13. App. 4. 13 post. अनेकशतमाहसं 6. 17. 2 2 . अनेकगुणपर्यन्तं 13. 110.05". अनेकातसाहलाः 5.1.2.17.6. 1. 17; 19. 29%; अनेकगुणिता गावः 4. 228*. 1 pr. 105.6 अनेकचित्तविभ्रान्ताः 6. 38. 16. अनेकशतसाहसे 9.28.38". अनेकचित्तो विभ्रान्तः 6.91.2pr. अनेक तसाहौः 7. Gh. 16". अनेकजननं सख्यं 5.94. 1:20. अनेकारवन्निमित्तं 5. 12. 11. अनेकजननो यत्र 1. 49.5*.2pr. अनेकशः समाजग्मुः 4. . G2. IT. अनेकजन्मसंसिद्धः 6. 28. 43. अनेको ट्रिपरथवाजिपत्ताः 7.31.73%. अनेकदिव्याभरण 6. 33. 10. अनेकशो महाराज 8.56. 485. अनेकद्रुभसंटन्नं 8. App. 2. 46 pr. अनेकसमयान्वितम् 1.2.30. अनेकधनरत्नौवः 15. 20. 6. अनेकसाइकलयु चैव 12. A21. 20. 1. अनेकध्वजसंकुलम् 4. 40.51. अनेकसाहस्राईदर्स 6.5.. अनेकपाणिपार्श्वश्च 13. App. t. 43 pr. अनेकं पुरुषर्षभ 12. 190.2". अनेकपारिपन्थि के 12. 309.56". अनेकं मत्स्यराद स्वयम् 4.28. 1 post. अनेकबाहृदरवक्त्रनेत्रं 6. 33. 16". अनेकाग्रमनागसम् + 61.2". अनेकमाया शतशो हतानाम् 7. 1238*. 1. अनेकाग्रं तु तं दृष्ट्वा 2. 3. 154. अनेकमिव संत्रासात् 1. App. 78.22pr. 7.12.236. अनेका दुतदर्शनम् 6.33. 10". अनेकमुनयो राजन् 12. App. 19. Tipr.; App. 20. 163pr. अनेकान्तं बहुद्वारं 13.20 18". 11. App. 4.2211 pr. अनेकमूर्तिरव्यक्तः 13. 135.90deg. अनेकान्धिप्रकारांश्च 7. 106. 134. अनेकमृगरूपटक 13. App. 1. 3s post. अनेक मुनगतात 3. App. 10. +r. अनेकयुगवर्षायुः 5. 188*. 1 pr. अने के मुनयः सिद्धाः 12. App. 17C. 25pr. - 109 -
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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