SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 112
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ अनुपत्य खगं विन्द्रो] महाभारतस्थ [अनुमंस्यन्ति कर्हि चित् अनुपत्य खर्ग विन्द्रो 1.29. 174. अनुपत्य खगाधिपः 1. 26. 3. अनुपत्य विशां पते 8. 44. 3sd. अनुपमबलवीर्यतेजसो 1. 26. 46. [अ]नुपश्यसि त्वरस्व वै 12. 309. 4. अनुपश्यस्व तत्तात 5. 123.2. अनुपस्तीर्णशायिनम् 12. 170. 13% ; 261. 20. अनुपहतमदीनं कामकारेण देवं 13. 6. 47. अनुपादस्तु यो वामः 8. 1. 104. अनुपायप्रयुक्तानि 5. 31.6. अनुपायेन दमयन् 12. 89. 12. अनुपायेन संग्रामे 7. App. 8. Spr. अनुपासितवृद्धत्वात् 5. 90. 174. अनुपास्थानधीत्य था 8.699*.2 post. अनुपोप्य त्रिरात्राणि 3. 80.300. 14. App. 4. 1172 pr. अनुप्तं न तु रोहति 13. App. 15. 1710 past. अनुप्रयाति संग्रामे 8.536*. 1 pr... अनुप्रविशन्ति ततोऽथ मौनम् 5.251.6. अनुप्रविश्य तद्वर्णः 12.270.9. अनुप्रविश्य तान्याणाः 3. 169. 17. अनुप्रविश्य राजानम् 1.205. 18. अनुप्रविश्य रखूण 3.218.29. अनुप्रविश्य वित्रार्थ 1. 107*.2pr. अनुप्रवेशे यवीर 1. 205.26. अनुप्रवेशे राज्ञस्तु 1. 205. 17. अनुप्रक्षः संशयो वा 3.222. 10. 13. 45.8. अनुप्राप्ते दिवाकरे 10. 1.24. अनुप्रियं चेदनुकाङ्क्षसे त्वं 2.7.10. अनुप्लवन्ते मेघाञ्च 6. 4. 2!". 12. 103.6. अनबद्धस्य तैः पाशैः 14. App. 4. 5s pr. अनुबन्धगुणोत्तरम् 15. 16. 24. अनुबन्धवधौ ज्ञात्वा 12. 138.57. अनुबन्धश्च पापोऽत्र 5. 70.57. अनुबन्धं क्षयं हिसां 6. 40.254. अनुबन्धं च संप्रेक्ष्य 5. 31.06. अनुबन्धं फलं हेतुं 13. App. 15. 1151 pr. अनुबन्धानवेक्षेत 5. 34.8". अनुबन्धान्न विज्ञानं 12. App. 18.28pr. अनुबन्धास्तथैव च 1. Ajp. 81. 130 post. [अनुबन्धात्रप एव च 12. 138.7. अनुबन्धाः शुभा ज्ञेपाः 1. App. 81. 140pr. अनुबन्धे च कल्याणं 14.62.. अनुबन्धे तु ये दोषाः 12. 112. 15. अनुबु द्वेद्वि कौन्तेयः 4. 429*.1 pr. अनुबुवा युधिष्टिरः 1. 131. 11'. अनुबुध्यस्य राजेन्द्र 3.31.24. अनुबोधादनर्थः स्यात् 4. 416*. 1 pr. अनुभावप्रयुक्तानि 5. 96. 16. अनुभावप्रवर्तिताः 1. 158. 414. अनुभावं च धीमताम् 5. 33. 61'. अनुभावोऽधिभूतं तु 13.App. 11. 134 pr. अनुभाग्य पुनः पुनः 12. 88.24. अनुभान्य महाराज 5.57.29. अनुभूतमगस्तिना 12. App. 29E. 370.A. 4 post. अनुभूतं च दृष्टं च 14.92.24. अनुभूतं च यन्मया 13. 83. 104. अनुभूतं च राजेन्द्र 3.944*.pr. अनुभूतं महदःखं 5.8. 37. अनुभूतं महात्मना 13.71.2. अनुभूतं मुनिगणैः 13. 126. 48. अनुभूतं सहानुगैः 5. 93. 40". अनुभूतं हि बहुशः 3. 186. 124. अनुभूतः सहामात्यैः 6. 16.4. अनुभूता तपस्विभिः 12. 25. 4". अनुभूतानि दुःखानि 8.945.2 pr. अनु भूतानुपालकम् 13. 138. 14. अनुभूतान्यदुःखार्हा 5, 81. 40f. अनुभूताः सहामात्यैः 5, 156. 11deg अनुभूय ततः पश्चात् 12.25.5. अनुभूयतामयं वीराः 3.51. 8. अनुभूय तु राज्ञस्तं 2.45, 10. अनुभूय परां मुदम् 1. 131. 10. अनुभूय पूर्व त्वं कृच्छू 18. 3. 20. अनुभूय भृशं दुःखं 4. 17.3. अनुभूय यथाविधि 12.277.10. अनुभूयेह भद्राणि 12.71. 13%; 78.3098.9. अनुभूयोत्सवं चैत्र 1. 175. 15. अनु भृत्याप्रजाः पश्चात् 13. App. 15.889 pr. अनुमय धनंजयः 8, 66. 49", 58d. अनुमन्य प्रयुक्तवान् 5. 181. 12. अनुमन्य ततः प्रियम् 8.69.27. अनुमन्यन्ति कर्हि चित् 13. 14. 232 post. अनुमन्यस्व तत्सव 11. 11. 30. अनुमन्यस्व मां ब्रह्मन् 1.71. 18. अनुमन्ये विनिःश्वसन् 15. 19.5. अनुमंस्यन्ति कर्हि चित् 1. 130. 134. - 104 -
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy