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________________ अनिवेदः श्रियो मूलं] श्लोकपादसूची [अनिसृष्टानि गुरुणा अनिर्वेदः श्रियो मूलं 5. 39. 41". अनिर्वेदः सदा कार्यः 12. 149. 474. अनिर्वेदात्ततः स्थानं 13. App. 10. 435 pr. अनिर्वेदेन दीर्धेण 12. 149. 1124. अनिदेन वर्तत 12. 149. 904. अनिर्वेदो गतलेशः 12. 188. 14". अनिलद्वेषिणः शक 13. App. 14. 129 pr. अनिलस्य शिवा भार्या 1. 60. 244. अनिलस्याग्निना यथा 3. 147. 264. अनिलं द्विषते च ये 13. App. 14. 119 post. अनिलाग्नियमार्काणां 12. App. 2. 10 pr. अनिले चलनं यथा 3. App. 20. 25post. अनिलेन यथाभ्राणि 7. 19.320; 146. 38". अनिलेनाहृतं भूमौ 3. 146. 7. अनिलेनेरितं घोरं 9. 11. 39. अनिलेनेरितो घोरः 10. 1.60f. अनिलोढमितो नूनं 3. 152.2. अनिलो धरणीधरः 13. 135.36d. अनिलो वा बहेन्मेरुं 5. 159. 160; App. 11. 11 pr. अनिवर्ति च तद्विदुः 13. App. 15. 3864 post. अनिवर्तिनो महाभागान 8.26.284. अनिवर्ती निवृत्तात्मा 13. 135.7M. अनिवर्ती वरप्रणुत् 7.54. 22. अनिवार्यमसंबाधं 1. 158. 21". अनिवार्य महारथम् 8.21. 18. अनिवार्यामसह्यां च 7. 158.. अनिविष्टश्च तं नाहं 1. 1524*.2 pr. अनिवृत्तस्य कालस्य 12.220.94. अनिवृत्तिः प्रियस्य च 12.215. 19. अनिवृत्ते तु निर्वासे 4. 42.5. अनिवेदितं च यद्रव्यं 14. App. 4. 1679 pr. अनिवेद्य स्वकं गुरुम् 13. App. 15. 3897 post. अनिशं चिन्तयानोऽपि 3.46.8.5.51.2. अनिशं दिव्यवादिनः 2. 10. 136. अनिशं दीयते च स्म 14. 166*. 1 pr. अनिशं पार्थिवस्य तत् 7. 1.6. अनिशं यत्र पुरुषाः 15. 20.74. अनिशं वामलोचना 3. 298*.2 post. अनिशं श्रूयते तत्र 2. App. 29. 16 pr. अनिशं श्रूयते पार्थ 7. 148. 22. अनिशं श्रूयते शब्दः 6.85.23. अनिशं श्रूयते स्मात्र 2. 30. 49". अनिशं संदधानस्य 4.53. 60. अनिशं सृज्यमानं तैः 3. 167. 4. अनिकायां निशायां च 3. 222.5 अनिश्चयज्ञा धर्माणां 12.64. 4. अनिश्चयज्ञो हि नरः 8. 49. 176. अनिश्चयो हि युद्धेपु 12. 220. 24. अनिष्कघाये कापायं 12. 18. 3:34. अनिष्टतः संभवन्ति 12. 134. S. अनिष्टदर्शनं दृष्ट्वा 7. 19. 26. अनिष्टदर्शनान्धोरान 3. 176. 40". अनिष्टनन्ती दुःखार्ता 5. 142. 10. अनिष्टनिग्रहाः क्षत्राः 13. App. 10. 137 pr. अनिष्टफलभाक्चेति 1. App. 36. 14 pr. अनिमिट मिश्रं च 6. 40. 120. अनिष्टमुपलक्षये 14. 89.7. अनिष्टव द्वितं पश्येत् 12. 317.6. अनिष्टसंप्रयोगाच्च 3. 206. 16. II. 2. 180. 12. 317. 4". अनिष्टस्य हि नित्तिः 12. 215. 19". अनिष्टस्याभिनिवृत्तिं 12. 215. 200. अनिष्ट क्षत्रियो हन्यात् 7. 1385*.7 pr. अनिटं चाप्यनिष्टेपु 12. App.2.35 pr. अनिष्टं चैव मे श्लिष्टं 7.50.5M. अनिष्टं लक्षणं कृष्ण 14.89.4. अनिष्टं सर्वभूतानां 11. 26*. 6 pr. 13. 117. 264. अनिष्टं स्वप्नमालक्ष्य 13.7.17. अनिष्टानां च शातनम् 12. App. 8.29 post. अनिष्टानां च संसर्गात् 11.3.2. अनिष्टानां समुत्थाने 12. 126*. 4 pr. अनिशानां सहस्राणि 12.149.51". अनिष्टानि च भाग्यानि 12. 149. 31". अनिष्टा सर्वभूतानां 13. 42.23. अनिष्टां कृरभाषिणीम् 13. App. 1A. 198post. अनिटेन प्रवर्तयेत् 13. App. 15.3011 post. अनिटेनान्धितं पश्यन् 3. 206, 186. अनिटेनान्धितं पश्येत् 13. App. 15. 3944 pr. अनिष्टोपनिपातो वा 12.28. 12. अनिष्वा च पितॄन्पूर्व 13. App. 15.3580 pr. अनिष्ट्वा च महायज्ञैः 12. 12. 31". अनिष्ट्वा संविभज्याथ 12. 221. 56. अनि पन्दा निराहाराः 13. App. 3A. 146 pr. अनि पन्दाः सुगन्धाश्च 6. 9. 130. अनि न्यन्दाः सुगन्धिनः 12. 322. 13% ; 323. 250. अनिन्यन्दान्सुगन्धिनः 12. 825*. 1 post. अनिसृष्टानि गुरुणा 12.24. 15. पादसूची-18 - 97 -
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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