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________________ बाड़मेर जिले के प्राचीन जैन शिलालेख के जीर्णोद्वार का काम चालू था / मन्दिर में मूलनायकजी श्रीसुमतिनाथ जो हैं। मूलनायकजी की प्रतिमा मय परिकर के है / / (245) 1. प्रतिष्ठा लेखः... वि.सं. 2042 वैसाख शुक्ल अष्ठपी रवि पुष्यनक्षत्रे तपा. प्रा. विजयराजतिलकसूरि एवं प्रा. वि. प्रद्योतनसूरिभिः प्रतिष्ठितां। (246) 2. मूलनायकजी प्रतिमा लेखः___ सं. 1998 मार्ग सुद 6 सोमवासरे गोलनगरे श्रीसंघेय श्री. सुमतिनाथबिंब कारितं प्रतिष्ठितं तपागच्छाधिराज श्रीविजयसिद्धसूरिनिदर्शन प. कल्याण विजयगणिः / / (247) 3. पंच धातु प्रतिमा लेख.. ॥सं. 1512 फागुण सु. 12 बुववार सा. वारदेव पुत्र देवदत्तयुतेन निजश्रेयार्थ श्रीविमलनाथ बिम्ब का. प्र. श्रीतपा मा. श्री. हेमरत्नसूरिभिः राखी यह ग्राम मोकलसर खंडप मार्ग पर आया हुआ है / गांव में एक जैन-मन्दिर है जिसमें मूलनायकजी श्रीसुमतिनाथज़ी विराजमान हैं। . - (248) 1. श्रीमूलनायकजी प्रतिमा लेखः- स्वस्ति श्रीपालीनगरे श्रीवीर 2511 वर्षे पोष कृ. 6 दिने श्रीसुमतिनाथ जिनबिंब श्रीराखी जैनसंघ कारितं प्रतिष्ठितं च योगनिष्ठप्रा.श्रीबुद्धिसागरसूरीश्वर परम्परक प्रा. श्रीकैलाससागरसूरीश्वर प्रा. श्रीकल्याणसागरसूरीश्वर आ. श्रीपद्मसागरसूरीश्वर सहितैः शुभं भवतु श्रीश्रमण संघस्य / / .. . (246) 2. पंच धातु प्रतिमा लेखः संवत 1506 वर्षे पू. सु. 8 बुध श्रीमकाष्ठासंघ गोछ भ. श्रीधमी-: मन श्रीभीमा-भोपा गयागोत्रे नारा सहजातीय / ठा. खेता, राण।। श्रीचन्द्रबिंब करापितं ठा. खेताकृतम /
SR No.032838
Book TitleBadmer Jile ke Prachin Jain Shilalekh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJain Shwetambar Nakoda Parshwanath Tirth
PublisherJain Shwetambar Nakoda Parshwanath Tirth
Publication Year1987
Total Pages136
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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