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________________ बाड़मेर-जिले के प्राचीन जैन शिलालेख ......., दादावाड़ी खरतरगच्छ . (146) 1. सोढियों के पास कमरे में पगनियाजो पर लेख:-... संवत् 1606 रा ......शनिवार गुणो मोतीचन्दजी री छत्री हुई। . (150) 2. पगलियाजी लेखः / सनत 1671 वर्षे प्रासू वदि 10 रवीवार पुण्य योग श्रीखरतरगच्छ श्रीजिनमाणिकसूरि पट्टे श्रीजिनचन्द्रसूरि पादुके कारितेस्त // 3. पगलियाजी लेखः संवत् 1644 वर्षे श्रावण सुदि 13 वार प्रादित श्री जिनकुशलसूरि पादिका श्रीखरतरगच्छे / ___ (152) 4. पगलियाजी बड़ा लेखः ___ संवत् 1672 वर्षे फागुण वदि 12 वृहपत दिने भट्टार्क श्री जिन कुशलसूरिसुरानं पादुके सुभभवतु / / / - प्रादेश्वर भगवान् का मन्दिर (153) 1. शृगार चौकी लेखः. संवत 1928 वर्षे भाद्रपद 2 ....... ...वृहत खरतरगच्छे भट्टारक श्रीमातुसूरिरावतजी श्रोवाकोदास कु। जुहारसिंग विजेराज्ये श्रीसुमतनाथजी री शिणगार चौकी श्रोखरतगच्छ कराई सलावट फूसा / / (154) 2. प्रतिष्ठा लेख: संवन 1676 वर्षे माह सुदि 15 रविवार पुष नषत्रे राउत श्री उदेसिंहजीविजयराज्ये श्रीसुमतिनाथ ...... .. श्रीसंघ करावऊ सूत्रधार षीमा नारायण नरसंघ खरतरगच्छ भट्टार्क जिनराज सूरि विजय राज्ये / . (155) 3. पंच धातु प्रतिमा लेख:-. . सं. 1512 वर्षे वैशाख सुदि 5 श्री श्रीमाल ज्ञा. श्रे. सहसा भा.
SR No.032838
Book TitleBadmer Jile ke Prachin Jain Shilalekh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJain Shwetambar Nakoda Parshwanath Tirth
PublisherJain Shwetambar Nakoda Parshwanath Tirth
Publication Year1987
Total Pages136
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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