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________________ 36 / बाड़मेर जिले के प्राचीन जैन शिलालेख पुराने छोटे पार्श्वनाथ मन्दिर में श्रीगौड़ी पार्श्वनाथजी की मूल प्रतिमा के स्थान पर श्रीमहावीर स्वामी की प्रतिमा सहित पांच जिन प्रतिमायें पांच यक्ष यक्षिणी देवियों एवं दादा श्रीकल्याणसागरसूरिश्वरजी की एक भव्य प्रतिमा श्रीचिन्तामणि पार्श्वनाथजी के मन्दिर में प्रतिष्ठित है। संवत 2033 मिगसर सुदी 11 बुधवार तारोख 2-12-1976 (145) . 6. ताम्रपत्र लेख: परमपूज्य गच्छाधिपति आचार्य भगवन्त श्रीगुणसागरसूरीश्वरजी . म. सा. की प्राज्ञानुवतिनो स्वाध्याय उपासक प. पू साध्वी श्री खीरभद्रा श्रीजी म. सा. की सुशिष्या बा. ब्र. करूणामूर्ति प. पू. निर्मलगुणा श्रीजी म. सा. की सुशिष्या तपस्वी रत्ना ब्र.प. पू. साध्वी श्रीज्योतिष्प्रभा श्रीजी म. सा. एवं बा ब्र. प. पू. साध्वी श्रीवारीवणा श्रीजी म. सा. को प्रेरणा से ... ... .श्रीचिंतामणि पार्श्वनाथ जिनालय में ताम्रपत्र पर बारह सौ सूत्र खुदवाकर ज्ञानोयार्जन हेतु दर्शनार्थे सप्रेम। 10. तीर्थपट्ट लेखः. श्री बाड़मेर श्रीचिंतामणि पार्श्वनाथ जिनालये अचलगच्छापति प्राचार्यदेव श्रीगुणसागरसूरीश्वरजी महाराज साहेब की प्रेरणा से संवत् 2037 का चतुर्मास में प्राचार्य भगवन्त की प्राज्ञानुवर्तिनी बाल ब्रह्मचारी प. पू निर्मलगुणा श्रीजी म. साहिब की शिष्या बाल ब्रह्मचारी प. पू. साध्वी श्रीज्योतिष प्रभा श्रीजी म. साहिब एवं बाल ब्रह्मचारी प. पू. साध्वो श्रीवरोषणा श्री जी म. साहिब को निश्रा में तीर्थ ट्टोप को थयेल उच्छामरिण प्रसंगे। श्री महावीरजी का मन्दिर (147) 1. लेखः___ इदं श्रीमहावीरस्वामीजिनबिंब श्रीप्रचलगच्छाधिपति प्राचार्य श्रोगुणसागर सूरीश्वर प्रतिष्ठितं ....... बाड़मेर अचलगच्छ वि. सं.२०३३ वी. सं. 2503 मृगसिर शुक्ला 11 बुधवार ___ (148) 2. पगलियाजी लेख टूटा हुमा: सं. 1733 वर्षे फागुण वदि 1 सोमवार .
SR No.032838
Book TitleBadmer Jile ke Prachin Jain Shilalekh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJain Shwetambar Nakoda Parshwanath Tirth
PublisherJain Shwetambar Nakoda Parshwanath Tirth
Publication Year1987
Total Pages136
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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