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________________ जिले के प्राचीन जैन शिलालेख [ 25 डंडाली यहां पर सिणधरी से प्राईवेट बस जाती है। ग्राम लूनी नदी के. किनारे बसा हुआ है। (68) 1. स्थापना लेख____ॐ परम पूज्य मेवाड़ केसरी प्राचार्यदेव श्रीमद्विजयहिमाचल सूरीश्वरजी महाराज के शिष्य रत्न मुनि श्रीलक्ष्मीविजयजो मुनि श्रीमानकविजयजी के उपदेश से डडाली श्रीसंघ द्वारा निर्मित लक्ष्मी भवन (66) 2. पंच धातु प्रतिमा छोटी संवत 1534 वर्षे फागुण सुदि 3 उसवाल जगतसिंह देवराज भार्या भारु पुत्र राजेन्द्र वच्छराज भा. राजलदे पुत्र विजा किरता सहितेन स्व धेयार्थ श्रीसुवधिनाथबिंब कारापितं प्र. श्रीवृहदगच्छ श्रीदेवचन्द्रसूरि पट्टे श्रीदेव उजरसूरिभिः / / (100) 3. पंच धातु प्रतिमा बड़ी सं. 2028 ज्ये. शु 4 भृगुवासरे इयं संभवनाथ जिनेन्द्र चतुर्विशतिका हिमाचल स्ते वाली लक्ष्मीविजयो पदेशात डंडाली वास्तव्य मरलीया गोत्र थानमलस्य पुत्र भूरचन्द चंपालाल रिखबवन्द पुत्र पुत्रेः का प्रतिष्ठा पिताच सिलंदर श्रीसंधेन प्र. वि. हिमाचलसूरिभिः श्री रस्तु लि: लक्ष्मी विजयः पचपदरा ... यह ग्राम बालोतरा जोधपुर बस मार्ग पर पाया हुआ है / बालोतरा से पचपदरा साल्ट रेलगाड़ी भी जाती है। यह गांव इसी नाम की तहसील का मुख्यालय भी है। मूलनायक श्रीशान्तिनाथजी भगवान का शिखर बन्द मन्दिर 101) पंच घातु प्रतिमा लेख-मूलनायकजी शांतिनाथजी जालोर नि. मनरुपचन्द शेठ किशोरबन्द मीठालाल कारित अंजनशलाका स्वस्ति
SR No.032838
Book TitleBadmer Jile ke Prachin Jain Shilalekh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJain Shwetambar Nakoda Parshwanath Tirth
PublisherJain Shwetambar Nakoda Parshwanath Tirth
Publication Year1987
Total Pages136
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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