SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 22
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ बाड़मेर-जिले के प्राचीन जैन शिलालेख ग्राम कनाना यह ग्राम बालोतरा समदड़ी बस मार्ग पर पाया हुआ है / यह वीर राठौड़ दुर्गादासजी का ग्राम है। यहां पर एक श्रोनेमिनाथ भगवान् का शिखरबन्द मन्दिर पाया हुअा है। (11) 1. पूर्व प्रतिष्ठा लेख मन्दिर के दरवाजे के बाहर दीवार में चुने हुए पत्थर पर: महाराजाधिराज महाराज श्रीगजसिंहजी संवत 1661 माह सुदि 5 दिन चैत्य प्रतिष्ठा माह सूदि 6 दिन श्रीपार्श्वनाथप्रतिमा स्थापित तिष्ठा श्रीहंसगणी कारापितं, तपागच्छ / सूत्रधार मेघा क्रतेन / / . (12) 2. जीर्णोद्धार लेख-- विश्व पूज्य प्रातः स्मरणीय श्री श्री 1008 श्रीमद्विजयराजेन्द्रसूरीश्वर श्रीमज्जैनाचार्य विजय धनचन्द्रसूरीश्वरे सद्गुरुभ्यो नमः वि. संवत् 2009 में माघ सुदि 12 सोमवार को प्रातः शुभ मुहूर्त में इक्कीसवें श्रीनमिनाथ भगवान व यक्ष यक्षरिण एवं भैरूजी प्रादि की प्रतिष्ठा श्री कनाना सकल श्री संघ ने अति समारोह के साथ श्री तपागच्छाधिपति जैनाचार्य श्रीमद्विजय धनचन्द्रसूरीश्वरजी महाराज के पट्टालकार साहित्याचार्य न्याम्भोनिधि श्रीमद्विजय तीर्थेन्द्रसूरीश्वरजी महाराज के कर कमलों से प्रतिष्ठा कार्य हुप्रा / / इत्यलम / / शिल्पकार सोमपुरा गोमराज जसाजी मु. विरामी. लि शिष्य मुनि लब्धिविजय तारीख 26-1-1953 :-ईति शुभमः (13) / 3. पंच धातु प्रतिमा लेख : ___ संवत् 1518 वैशाख सुद 3 प्राग्वाट साना भा. सायादे पु. वासुराकेन भार्या वदल्हादे देवराज सेहाग कुटुंबयुता भा. सूरिमदे श्रेयार्थ श्रीकुन्थमार्थबिंब का. प्र. वृहततपागच्छाधिराजश्रीरत्नशेखरसूरि शिष्य श्रीलक्ष्मीप्रागरसूरिभिः श्रीरस्तु / / . . .
SR No.032838
Book TitleBadmer Jile ke Prachin Jain Shilalekh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJain Shwetambar Nakoda Parshwanath Tirth
PublisherJain Shwetambar Nakoda Parshwanath Tirth
Publication Year1987
Total Pages136
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy