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________________ प्रकाशकीय (पन्द्रहवाँ संस्करण) गुणस्थान-प्रवेशिका का यह संशोधित एवं संवर्धित रूप गुणस्थान-विवेचन के पन्द्रहवें संस्करण का प्रकाशन करते हुए हमें अत्यन्त प्रसन्नता का अनुभव हो रहा है। जयपुर में आयोजित आध्यात्मिक शिक्षण शिविर के अवसर पर करणानुयोग का प्रारम्भिक ज्ञान कराने के उद्देश्य से गोम्मटसार के गुणस्थान प्रकरण की कक्षा ब्र. यशपालजी द्वारा ली जाती है। उस कक्षा में बैठनेवाले भाईयों को इस विषय को समझने में जो कठिनाईयाँ आती थीं, उन्हीं को ध्यान में रखते हुए ब्र. यशपालजी ने यह कृति तैयार की है। ब्र. यशपालजी चारों अनुयोगों के सन्तुलित अध्येता एवं वैराग्य रस से भीगे हृदयवाले आत्मार्थी विद्वान हैं। श्री टोडरमल स्मारक भवन में संचालित होनेवाली प्रत्येक गतिविधि में आपका सक्रिय योगदान रहता है। ट्रस्ट के अनुरोध पर आप प्रवचनार्थ बाहर भी जाते रहते हैं। आपने पण्डित टोडरमलजी द्वारा लिखित टीका सम्यग्ज्ञानचन्द्रिका का सम्पादन कार्य अत्यन्त श्रम एवं एकाग्रता पूर्वक किया है तथा सम्पादन कार्य से प्राप्त अनुभव का भरपूर उपयोग प्रस्तुत कृति की रचना में किया है। करणानुयोग संबंधी इस महत्त्वपूर्ण एवं सरलतम कृति के लिए ट्रस्ट आपका हृदय से आभारी है। गुणस्थान-प्रवेशिका को संशोधित करके 21 फरवरी 2004 में जब विस्तृत रूप प्रदान किया गया, तब इसके सम्पादन की आवश्यकता महसूस हुई। इसके लिए पण्डित रतनचन्दजी भारिल्ल से निवेदन किया एवं उन्होंने अपने लेखनादि कार्यों की व्यस्तताओं में से समय निकालकर इसे सम्पादित कर सुव्यवस्थित किया है; एतदर्थ ट्रस्ट उनका हार्दिक आभारी है। इस पुस्तक की लेजर टाइप सैटिंग श्री श्रुतेश सातपुते शास्त्री डोणगाँव द्वारा की गई है तथा प्रकाशन व्यवस्था का सम्पूर्ण दायित्व अखिल बंसल ने बखूबी निभाया है। अत: ये दोनों महानुभाव बधाई के पात्र हैं। इस कृति के माध्यम से आप सभी अपने परिणामों को पहिचानकर आत्मकल्याण करें, इसी मंगल भावना के साथ - सौ. इन्दुमति अण्णासाहेब खेमलापुरे डॉ. हुकमचन्द भारिल्ल अध्यक्षा महामंत्री पताशे प्रकाशन संस्था, घटप्रभा पण्डित टोडरमल स्मारक ट्रस्ट, जयपुर
SR No.032827
Book TitleGunsthan Vivechan Dhavla Sahit
Original Sutra AuthorN/A
AuthorYashpal Jain, Ratanchandra Bharilla
PublisherPatashe Prakashan Samstha
Publication Year2015
Total Pages282
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size22 MB
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