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________________ (103) लेटियाहो राज 20 न० ले० थां० पूर्वसंचितश्रशुलकरम सदु मेटियाहो राज थां० सोरठदेशमे शोलताहो राज थां दोय तीरथमनुहार जव्यजन तारताहो राज लम् श्रा० // 1 // प्रथम शेजयगिरिजयोहो राज थांग तीनन्नुवनशिरताज आजदरशणलह्योहो राज आप थां० // 2 // नेमिजिनेसरराजियोहो राज थां० श्यामसलूणोदीदार रेवतगिरिगाजियोहो राज // 3 // पांचकोममुनिपरिवर्याहो राज श्रांक पुंगरी कगणधार, चैत्री शिवसुखवर्या हो राज थां० // 4 // आदीश्वरअलवसरुहो राजा यां० पूर्वनिवाणुवार रायणपगलाठव्याहो राज राम थां // 5 // कातिपूनम दशकोमसुंहो राजा यां शिवसुखपाम्यासार, प्राविम्बारिखिवजीहो राज जा० // 6 // इनअनेकमुनि इहांहो राजा थां० सिद्धिवधुनरतार, श्रयागिरिफरशतांहो राजा थांग // 7 // पूरवपुन्यपसाजलेहो राज थां० सफलफलीसहु श्रास, जात्राविधिसुकरीहो राज जा० थां० // // रतनपुरीश्रीश्रावीयाहो राजा थां० आनंदकुंवरशुजन्नाव लानलिधोघणोहो राज ला थां चतुराचोमासो रह्याहो राजा थांग लगवतिसुण्यो जलेलाव, उपधांनतप आदर्यो हो राज जळ थांग // 10 // जनवरंगवधामणांहो राज थां० वरत्याजयजयकार, सुगुरुसुपसायश्रीहो राज सु थां० // 11 // खरतरवसी चिंपावसीहो राज श्रां साकरउजूम हेम, प्रेम वालावसीहो राज प्रे यां॥१॥ मोती विमलवसीआवीयाहो राज थां० उलकाकोल सिद्ध सिला, सिषबम्फरसीया हो राज सि० श्रां // 13 // सुनन
SR No.032823
Book TitleBruhat Stavanavali
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhagubhai Panachand Jhaveri
PublisherBhagubhai Panachand Jhaveri
Publication Year1928
Total Pages418
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size24 MB
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