________________ (101) तिवसे हलुकर्मथईने / निगोदयकी नीकलियो / पुण्य मनुजनवादिकपामी / सदगुरुनें जईमिलियोरे // 55 // प्रा० // जवथितिनो परिपाक अयोतब / पंमितवीर्यजलसियो। नव्यस्वजावे शिवगतिगामी / शिवपुरजईनेवसियोरे // 56 // प्रा० // वर्षमानजिन इणपरिवीनवे / सासननायकगावो / संघसकलसुखदाई जेहथी / स्यादवादरसपावो रे // 57 // प्रा० // ( कलश ) श्म धर्म नायक मुगतिदायक वीरजिनवरसंथुण्यो। सयसतरसंवत बन्हिलोचन वर्षहर्षधरीघणो / श्रीविजयदेवसूरीद पटधर विजयप्रनु मुर्णिदए / कीर्तिविजयवाचकसीसापरिविनयकहैयाणंद ए // 27 // इति श्रीपंचसमवायवृध स्तवनं समाप्तम् // ॥अथ वैरागनी स्तवनं // // मोदनगरमारुंसासरुं अविचलसदासुखवासरे / आपणाजिनवरनेनेटिये, त्यां करो लीलबीलासरे मो० // 1 // ज्ञानदर्शनाणे आविया / करोकरो नक्तिश्रपाररे // शीतशिणगार पहेरो पदमणी, नगीनगी जिनसमरो साररे मो० // 2 // विवेकसोवन्टीलुं तपतपे, साचोसाचो वचनतंबोलरे // संतोषकाजलनयणे जयाँ, जीवदया कुंकुमघोलरे मो० // 3 // समकीतवाटसोहामणी, संजमवहेलनजमाल रे // तपजप बलदीया जोतर्या, नावना रासरसाल रे मो० // 4 // कारमो सासरोपरी हरो, चेतोचतो चतुरसुजाणरे // समयसुंदरमुनि एमजणे, त्यांचे नविनिर्वानरे, मो० // 5 // इति संपूर्ण // // श्रापरवारिहो जिनजी श्रीसिघाचल शिखरे शषजनले