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________________ हेत्वर्थ कृदन्त के वाक्य / क्रम. हेत्वर्थ कृदन्त अर्थ વાય नमवा माटे, नमवा, नमवाने |हुं नमवा माटे जाऊ छु। अंह नन्तुम् गच्छामि। भणवा माटे, भणवा, भणवाने | महेश घरमा भणवा माटे बेसे छ। | महेशः गृहे भणितुम् उपविशति। रखडवा माटे, रखडवा, बालको जंगलमां रखडवा जाय छे। रखडवाने बालाः वनं अटितुम् गच्छन्ति / पूजा करवा माटे, पूजा करवा | बे भक्तो वीरनी पूजा करवा दोडे छ। पूजा करवाने भक्तौ वीरं अर्चितुम् धावतः। बाळवा माटे, बाळवा, बाळवाने गोवाळ लाकडा बाळवा माटे विचार करे छ। गोपः काष्ठानि दग्धुम् चिन्तयति। जीववा माटे, जीववा, भिखारीओ जीववा माटे अन्न खाय छे / जीववाने याचकाः जीवितुम् अन्नं खादन्ति। रमवा माटे, रमवा, रमवाने बालिकाओ रमवा माटे मेदान मां गइ। बालाः क्रीडितुम् क्रीडाङ्गणं अगच्छन्। | लोभ करवा माटे, लोभ करवा वे लोभी लोभ करवा माटे प्रयत्न करे छ। लोब्धुम् |लोभ करवाने कृपणौ लोभितुम् प्रयतते। 9. जपितुम् | जाप करवा माटे, जाप करवा | | स्त्रीओ जाप करवा माटे जूए छे। जाप करवाने योषितः जपितुम् पश्यन्ति। | 10. गन्तुम् | जवा माटे, जवा, जवाने ते बे जवा माटे उभा छे। तौ गन्तुम् तिष्ठतः। 11. प्रस्थातुम् प्रयाण करवा | मुसाफर प्रयाण करवा माटे दोडयो। करवा, प्रयाण करवाने पान्थः प्रस्थातुम् अधावत्। 12.| नेतुम् | लइ जवा माटे, लइ जवा, / | बे प्रधानो धन लइ जवा माटे आवे छे। लइ जवाने प्रधानौ धनं नेतुम आगच्छतः। 13. कथयितुम् | कहेवा माटे, कहेवा, कहेवाने | शिष्यो आचार्यनी साथे कथा कहेवा बेसे छे / शिष्याः आचार्येण सह कथयितुम् उपविशन्ति / 14. दातुम् आपवा माटे, आपवा, राजाए याचकोने अन्न आपवा माटे प्रधान ने कह्यु। नृपः याचकेभ्यः अन्नं दातुम् प्रधानं अकथयत्।। | खरवा माटे, खरवा, खरवाले | वृक्ष परथी पांदडाओ खरवा इच्छे छ। | वृक्षात् पर्णाणि क्षरितुम् इच्छन्ति / आपवाने 11771
SR No.032788
Book TitlePadma Vardhaman Sanskrit Dhatu Shabda Rupavali Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRajpadmasagar, Kalyanpadmasagar
PublisherPadmasagarsuri Charitable Trust
Publication Year2004
Total Pages208
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size24 MB
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