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________________ प्रसोगापात विभक्तिओं प्रसंगो पाठ विभक्ति तृतीया विभक्ति तृतीया विभक्ति | तृतीया विभक्ति चतुर्थी विभक्ति चतुर्थी विभक्ति | चतुर्थी विभक्ति नियम -4(अ,आ) | पाठ - 38. अंग के स्वभाव ना विशेषणो ने नियम - 3 | तृतीया विभक्ति थाय छे पाठ - 38. | तुल्य अर्थवाला नामने नियम -4 तृतीया विभक्ति थाय छे पाठ - 42. | कृतम्, भवतु, अलम्, किम् निषेधात्मक अव्ययो नियम - 5 | साथे नामने तृतीया विभक्ति थाय छे पाठ - 24. चतुर्थी विभक्ति संप्रदान ने थाय छे नियम -3 पाठ - 24. जेने आपवामां आवे ते संप्रदान निमय -4 पाठ - 24. श्रद्धा, उपकार, किर्ती विगेरे थी संबंध करवामा |निमय - 4 (आ) आवे ते संप्रदान पाठ -24. माटे, वास्ते, सारू, काजे, एवा अर्थमा संप्रदान नियम - 5 थाय छे नमस के स्वस्ति अव्यय साथे जोडाएला नामने | चतुर्थी विभक्ति थाय छे पाठ - 34. | स्पृह धातुनु कर्म विकल्पे संप्रदान थाय छे नियम -3 पाठ - 34. | क्रोध, द्रुह्, इर्ष्या विगेरे ना अर्थमा संप्रदान नियम -4 | थाय छे पाठ - 34. गमवू अर्थवाला धातुओना योगमा, जेने गमे तेने नियम -6 चतुर्थी विभक्ति थाय छे पाठ - 25. | पंचमी विभक्ति अपादान ने थाय छे नियम -5 चतुर्थी विभक्ति | चतुर्थी विभक्ति चतुर्थी विभक्ति चतुर्थी विभक्ति चतुर्थी विभक्ति पंचमी विभक्ति [148)
SR No.032788
Book TitlePadma Vardhaman Sanskrit Dhatu Shabda Rupavali Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRajpadmasagar, Kalyanpadmasagar
PublisherPadmasagarsuri Charitable Trust
Publication Year2004
Total Pages208
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size24 MB
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