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________________ बसमः सर्गः अनुबादः-पहले आकाश से गिरती हुई फलों की वृष्टि से उसके बाद उसमें उलझे हुए भ्रमरों से अन्त में उन भ्रमरों के भय से मुख नीचे कर देने के कारण उन राजाओं ने दमयन्ती को पूरी तरह से नहीं देख पाया ईप्सित के रुकावट करने का विधाता का प्रयास आश्चर्यजनक होता है // 101 // एतद्वरं स्यामिति राजकेन मनोरथातिथ्यमवापिताय / सखीमुखायोत्सृजतीमपाङ्गात् कर्पूरकस्तूरिकयोः प्रवाहम् // 102 // अन्धपः-एतत् वरम् स्याम इति राजकेन मनोरथातिथ्यम् अवापिताय सखीमुखाय अपाङ्गात कर्पूरकस्तूरिकयोः प्रदाहम् उत्सृजन्तीम् / व्याख्या-एतत् = सखीमुखम् वरम् = मनाक् प्रियं स्याम् इति = एवं प्रकारम्, राजनराजलोकेन, मनोरथातिथ्यम् = अभिलाषविषयताम्, अवाफि ताय-प्रापिताय, सखीमुखाय%Dसहचरीवक्त्राय, अपाङ्गात् नेत्रप्रान्तात, कपूर. कस्तूरिकयोः = चन्द्रमृगमदयोः, प्रवाहम् = पूरम्, उत्सृजन्ती = वितरन्तीम्, सखीनां मुखानि पश्यन्तीमित्यर्थः। टिप्पणी-स्याम् -प्रार्थनायां लिङ् / राजकेन = "गोत्रोक्षे"त्यादिना / वुन प्रत्ययः / मनोरथातिथ्यम् = मनोरथानामातिथ्यम् (10 तत्पु० ) अवापिताय = अवपूर्वादाप्नोतेय॑तात् क्तः / सखीमुखाय = सख्यामुखाय (10 तत्पु.) कर्पूरकस्तूरिकयोः कर्पूरश्च कस्तूरिका चेति कर्पूरकस्तूरिके तयोः ( द्वन्दः)। भाव:-एतदीयसखि वक्रतां वरं प्राप्नुयाम वयमित्यभीप्सिते / ___ राजकेन सितकृष्ण नेत्रभां तां सखीजनमुखे प्रकुर्वतीम् // अनुवारः-अच्छा होता कि हम लोग इसकी सखियों का मुख हो जाते, उस रूप में इसके कटाक्ष का भाजन तो हो जाते, इस प्रकार राजसमूह द्वारा ईप्सित अपनी सखियों के मुख के प्रति नेत्र के प्रान्त से श्वेत कृष्ण नेत्रप्रभा प्रवाह को बिखेरती हुई // 102 // स्मितेच्छुदन्तच्छइकम्पकिञ्चिदिगम्बरीभूतरदांशुवृन्दैः / / आनन्दितोर्वीन्द्रमुखारविन्दैर्मदं नुदन्ती हदि कौमुदीनाम् // 103 // अन्वयः-आनन्दितोर्वीन्द्रमुखारविन्दैः स्मितेच्छुदन्तच्छदकम्पकिञ्चिद्दिगम्बरीभूतरदांशुवृन्दः कौमुदीनां हृदि मदं नुदन्तीम् / व्याख्या-आनन्दितो:न्द्रमुखारविन्दः -प्रसादितभूपतिवक्त्रकमलः, स्मितेच्छुदन्तच्छदकम्पकिञ्चिद्दिगम्बरीभूतरदांशुवृन्दैः- स्मिताभिलाषरदस्फुरितोष्टपुटे
SR No.032779
Book TitleNaishadhiya Charitam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSheshraj Sharma
PublisherChaukhambha Sanskrit Series Office
Publication Year
Total Pages1098
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size21 MB
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