________________ क्रियानिर्णयपरिच्छेदः। [41 जीर्यति–जृषु क्लषु व० दि० / जृणाति -जु वयोहानौ [क्रया 0] / जूर्यते-जूरी जूर्णे दि० / जिनाति--ज्या वयो० क्रया० / जरति-जू अभिभवे भ्वा० / जारयति- वयो० चु० // 8 // प्राथयति-ग्रन्थ बन्धने चु० / वा इन् / ग्रथति-[स एव / ग्रन्थयति-ग्रन्थ सन्दर्भ चु० / इन् वा / ग्रन्थति-[स एव ] / अध्नाति-ग्रन्थ सं० क्रया० / ग्रन्थते-ग्रथि 5 वकि कौ० भू० / तृप्यति-तृप प्रीणने दि० / तृप्नोति–तृप प्रीणने स्वा० / तर्पयतितृप प्रीणने चु० / इन् वा / तर्पति-[स एव / // 9 // मृष[य]ति-मृष तितिक्षा० चु० / मृषति-(स एव ) / मृष्यति-शक मृष क्ष०(दि०)। मर्षयति-मृष तिति० चु० / यजादिपाठ आत्मने / मर्षति–वा इन् मर्षते // 10 // 10 वीणाति-वी वरणे क्रया० / वृणीते-वृङ् संभक्तौ क्रचादि / वृणाति-वृ वरणे क्रया० / वरति-वर ईप्सायां भ्वा० / वरयति वा / वृणोति-वृञ् वरणे स्वा० / वरति—वृञ् आवरणे भू० / व्रीयते-वी वरणे दि० / वारयति-चु० / वरते–वृञ् वरणे भ्वा० // 11 // निष्कडति—कड मदे तु० / कलते-कल संख्याने भू० / कालयति- 15 कल बिल डिप चु० / कलयति-कल गतौ चु० // 12 // श्राति—श्रा पाके अ० / श्रायति-त्रै पाके भू० / श्रीणाति-श्रीङ पाके क्रया० // 13 // इते-ईर गतौ अ० / इयर्ति- ऋ सृ गतौ अ० / प्रेरति-ई क्षेपे भ०। प्रेरयति—स एव / ओलति- इल प्रेरणे वा / प्रेलयति— स एव ] // 14 // 20 ___ स्फुटति-स्फुट विकसने तु० / स्फोटते—स्फुट विकसने भू० / स्फोटतिस्फुटि रु विशरणे भू० / स्फोटयति—चट स्फुट भेदे चु० // 15 // शोभते—द्युत शुभ रुच दीप्तौ भू० / शुभति—शुभ शुम्भ शोभार्थे तु० / शुभ्नोति—-शुभ शुम्भ० स्वा० / निशुभ्नोति—शुंभ भाषणे स्वा० // 16 // ___ धरति-धृञ् धारणे उभय० भ्वा० / धारयति-[स एव ] / धीयते-धीञ् 25 अनादरे दि० / धियति—धि धारणे तु० / ध्रियते-धृञ् अनवस्थाने तु० // 17 // शेषति-कष शिष भू० / विशिनष्टि—शिष्ल विशे० रु० / शेषयति—शिष असर्वोपकरणे चु० / शेषति--स एव // 18 //