________________ 206 338 स्त्री. जूही 274 द्वितीय परिशिष्टम्। लिङ्गम् अर्थः प्रलोकः शब्दः लिङ्गम् अर्थः प्रलोकः महौजसी स्त्री० तेजवता 277 मालुक पुं० कृष्ण आजऊ 223 महौषध सूठि मालुकापर्ण काञ्चनार ल्हसणु मालूर , बीली माकन्द स्त्री० आमळा माल्यपुष्पिका स्त्री. घूघरु आंबउ 121 माषपु० उडद 389 मागधी 238 माषपर्णी स्त्री० माषबनी 210 पोंपली मांसमाषा मागधोत्थित कंकोल ३४पा. मांसरोहा रोहा माध्य 239 मांसारि पुं० अम्लवेतस माण्डूकपर्णिका स्त्री. मजीठि ३०३पा० मांसो स्त्री० मातुल धत्ताउ मिशि वीहालि २७८पा. मातुलपुत्रक धत्तरफल सोआ ३३६पा० मातुलानी सण मिश्र बृहन्मूलक 358 मातुला बीजउरउ मिश्रेया स्त्री० बीहाली २७८पा. मातुलुङ्गी बीजपूरविशेष 278 मिसि माधव पुं० महूडउ 110 सोआ एकमुखीरुद्राक्ष 143 मिसिद्रुम १२८पा. स्त्री. माधवी अमीतउ मिस्रया स्त्री० बीहाली 278 सोआ मुक्तबन्धना स्त्री. मल्लिकाविशेष 243 पा. पीतकांग मुक्तबन्धनी , मल्लिका 253 माधवोषित न० ककोल मुखप्रिय पुं० नारिंगु मारीच पुं० म० , मुखभञ्ज पुं० 88 मारुत मरुअउ 225 मुखमण्डन तिलक मारुतापह वरुण मुखवास नारङ्गी मारुतापहा राठ 219 मुखशोधन भांगरउ 347 मुच्चक मोषउ মাল मुनिलोध्र. 116 मुज शरकड मार्जार हिंगोट 74 मुण्डक अमीतउ ३७पा० मार्जारगन्धिका स्त्री० मुदगवनी 211 मुण्डनिका मोडथेरी 215 मालक पुं० पदमाकु 175 मुण्डितिका २१५पा. मालती स्त्री० जाइ मुण्डो 215 मालतीफल 237 मुद्ग 390 माला स्त्री० पीक 171 मुदगवनी गन्धतृण ३७०पा० मुनि पुं० दमणउ 251 मालातृण न. मुनिद्रुम अगथियउ k::: :: : : * * : 2 बी. कुबउ 336 शिरघू ६३टी. अरंजु 0 : . . . . मार्कव ह 235 मुंग मुद्गपणी 211 .