SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 957
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ दूँगई स्वर्गवासी हुए। आपके लाला रतनचन्दजी, लाला त्रिभुवननाथजी, लाला पृथ्वीराजजी लालादेसराजजी रतनचन्दजी अपने भाइयों से तथा लाला देवराजजी नामक ५ पुत्र विद्यमान हैं। इन बन्धुओं में लाला संवत् १९७९ में अलग होकर स्वतंत्र बैकिंग का कारवार करते हैं । लाला त्रिभुवननाथजी — आपका जन्म संवत् १९५८ में हुआ । आपने बी० ए० तक शिक्षा पाई । आप पंजाब की स्था० वासी जैन कान्फ्रेंस के लम्बे समय तक जनरल सेक्रेटरी रहे । इस समय स्थानीय गर्ल के प्रेसिडेंट और गौशाला के मन्त्री हैं । कपूरथला की कोई ऐसी इस्टीव्यशन नहीं स्कूल जिसमें आप इमदाद न देते हों। आपने अपने पिताजी की यादगिरी में यहाँ की पुत्री पाठशाला में एक " नत्थूमल हाल" बनवाया है। इसी तरह लाहौर हास्पीटल में एक कमरा बनवाया है। आपने अपने परिवार की लेंडेड प्रापर्टी में भी अच्छी तरक्की है । दानों में नामी माना जाता है। लाला पृथ्वीराजजी - आपका जन्म संवत् १९६३ में हुआ । तथा सन् १९२८ में एल० एल० बी० की परीक्षा पास की और इसी साल से प्रेक्टिस करना शुरू कर दिया। इधर १ साल से आप कपूरथला स्टेट के पब्लिक प्रॉसीक्यूटर पद पर कार्य्यं करते हैं। यहां के शिक्षित समाज में अच्छे प्रतिष्ठित हैं और सज्जन तथा मिलनसार व्यक्ति हैं। आपके रवीन्द्र नाथजी, प्रकाशनाथजी, प्रेमनाथजी तथा पदमनाथजी नामक ४ पुत्र हैं । आपका खानदान पंजाब के ओसवाल खानआपके पुत्र जितेन्द्रनाथजी और राजेन्द्रनाथजी हैं । आपने सन् १९१६ में बी० ए० आप लाला देसराजजी - आपने सन् १९३० में बी० ए० पास किया । आप रणधीर कॉलेज कपूरथला में एफ० ए० के आर्ट विषय में प्रथम आये थे । इधर ३ सालों से आप लंदन में चार्टर्ड एण्ड अकाउंटेंसी का काम सीखते हैं । आप से छोटे भाई देवराजजी मेट्रिक पास कर कॉलेज में पढ़ते हैं। इसके अलावा लुधि इस परिवार की छांगामांगा (लाहौर) में बहुत सी नहरी जमीन है। याना, फगुवाड़ा मण्डी, जालंधर बाजार और कपूरथला में बहुत सी हाउस प्रापर्टी है। लाला देवीसहायजी का परिवार - लाला देवीसहायजी के पुत्र लाला बनारसीदासजी तथा लाला छज्जूमलजी हुए । orer बनारसीदासजी विद्यमान हैं। आपके यहां बैङ्किग का कारवार होता है तथा कपूरथला में आपका खानदान भी मातवर समझा जाता है। आपके 8 पुत्र हैं। इनमें बड़े लाला माणकचन्दजी, फीरोजपुर की प्रापर्टी का काम देखते हैं । दूसरे चुन्नीलालजी कपूरथला के हेड ट्रेसरर हैं। रामरतनजी बजाजी का काम करते हैं तथा मदनगोपालजी खजाने के हेड क्लर्क हैं। इसी तरह लाला उज्जूमलजी के पुत्र लाला रामनाथजी, लाला हंसराजजी तथा छाला दौलतराम ४१९
SR No.032675
Book TitleOswal Jati Ka Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOswal History Publishing House
PublisherOswal History Publishing House
Publication Year1934
Total Pages1408
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size47 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy