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________________ लोका के पास एक धर्मशाला बनवाई गई तथा आपकी धर्मपत्नी की स्मृति में भारमानंद जैन कन्या पाठशाला क एक मकान दिया गया । आपके उत्तमचंदजी, चंदनमलजी तथा रतनचंदजी नामक तीन पुत्र हुए। लाला उत्तमचंदजी और चंदनमलजी योग्य तथा धार्मिक व्यक्ति है। लाला रतनचंदजी बड़े समझदार सज्जन है। इस समय भाप श्री आरमानंद जैन हॉईस्कूल कमेटी के प्रेसिडेंट, कन्या पाठशाला के प्रेसिडेंट, आत्मानंद जैन महासभा के कोषाध्यक्ष, हस्तिनापुर तीर्थ कमेटी के कोषाध्यक्ष तथा अम्बाला प्रिजनर्स सोसायटी के डायरेक्टर हैं । राज्य में भी आपका काफी सम्मान है। आप यहाँ के डिस्ट्रिक्ट दरबारी हैं। भाप प्रायः सभी धार्मिक संस्थाओं में दान देते रहते हैं। आपके यहाँ चांदी, सोना व कमीशन एजेन्सी का काम होता है। यहाँ पर आपकी काफी जायदाद है। राजसिंहजी लोढा का परिवार, बनेड़ा इस परिवार का मूल निवास स्थान मांडलगढ़ है। वहाँ यह परिवार बड़ा सम्माननीय समझा जाता है। मांडलाद से राजसिंहजी लोदा बनेडा आये। यहाँ के अधिपति ने भापको रेवेन्यू डिपार्टमेण्ट की व्यवस्था का कार्य सौंपा। आपके पुत्र उम्मेदसिंहजी भी बनेड़ा में सर्विस करते रहे। उदयपुर महाराणा की भोर से इस परिवार को नगर सेठ" की पदवी प्राप्त है तथा यह कुटुम्ब बनेड़ा की जनता और वहाँ की मोसबाट अति में भादरणीय माना जाता है। उम्मेदसिंहजी कोदा के पुत्र जसवन्तसिंहजी लोदा की आयु इस समय २३ साल की है। मापने उदयपुर हॉई स्कूल से मेट्रिक, सनातन धर्म कॉलेज कानपुर से कामर्स की इन्टरमीजिएट और कलकत्ता यूनिवर्सिटी से बी कॉम की परीक्षाएं पास की। इस वर्ष भाप आगरा यूनिवर्सिटी के प्रीवियस एल. एल. बी और बम्बई के जी० डी० ए० इम्तहान में बैठे हैं। आपने अपने पैरों पर खड़े रह कर उच्च शिक्षा प्राप्त की है। इस समय आप भण्डारी विद्यालय इन्दौर में कामर्स के अध्यापक हैं।
SR No.032675
Book TitleOswal Jati Ka Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOswal History Publishing House
PublisherOswal History Publishing House
Publication Year1934
Total Pages1408
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size47 MB
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