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________________ लोढ़ा १९३१ तक उसके प्रेसिडेण्ट भी रहे। इसके अतिरिक्त आप अमृतसर डिस्ट्रिक्ट बोर्ड के पहले भी तीन साल तक मेम्बर रहे और अब भी मेम्बर हैं। आप बड़े उत्साही और सार्वजनिक कार्यों में बड़ी दिलचस्पी से भाग लेने वाले सज्जन हैं । स्थानीय म्युनिसिपालिटी में आपकी सेवाएँ बड़ी बहुमूल्य समझी गई । यहाँ तक कि हिज एक्सलेंसी गवर्नर सर जाफरे डि० माउण्ट मौरोसी ने सन् १९२९ में जण्डियाले में दरबार करके अपने भाषण में पंजाब को म्युनिसीपालिटियों को राय साहब टेकचन्दजी की सेवाओं का अनुकरण करने की सलाह दी थी। इसी सम्बन्ध में आपको दो तीन खिलअतें भी प्राप्त हुई । सन् १९२७ में गवर्नमेंट ने आपको " राय साहिब" की उपाधि से विभूषित किया । सन् १९२९ तक आप पंजाब सभा के जनरल सेक्रेटरी रहे और उसके बाद आप उसके सभापति हो गये, जो अब तक हैं। इसके अलावा आप अखिल भारतवर्षीय जैन स्थानकवासी सम्मेलन के प्रांतिक सेक्रेटरी एवं उसकी स्टैंडिंग कमेटी में पंजाब प्रांत की ओर से प्रतिनिधि हैं । आप ही ने पंजाब के स्थानक बासियों के झगड़ों को निपटाने में मुख्य भाग लिया था । साधु-सम्मेलन अजमेर की कार्य्यवाही में भी आपका प्रमुख भाग था । आप बड़े समाज सुधारक और साहसी व्यक्ति हैं। अपने अनेक विरोधों का सामना करते हुए भी पंजाब प्रान्त में दस्सा और बीसा फिरकों में बेटी व्यवहार चालू होने का रास्ता खुला किया । सारे पंजाब के जैन समाज में आप प्रतिष्ठित व्यक्ति माने जाते हैं। आपके इस समय लाला जगन्नाथजी और लाला अमृतलालजी नामक २ पुत्र हैं। लाला अमृतलालजी ने बी० ए० एल० एल० बी० की सनद हासिल की है। बी० ए० में आपका ब्रिलियंट केरेक्टर रहा । आप लाहौर के अमर जैन होस्टल में असिस्टेंट सुपरिटेण्डेण्ट और महावीर जैन एसोशिएसन के वाइस प्रेसिडेण्ट रहे । इसी तरह के सार्वजनिक कामों में आप हिस्सा लेते रहते हैं । आपके पुत्र नरेन्द्रकुमार तथा जेनेन्द्रकुमार हैं । लाला अमृतलालजी के छोटे भ्राता जगन्नाथजी अपनी फर्म का चाँदी सोने का व्यापार सम्हालते हैं। लाला नेतरामजी का जन्म १९४५ में हुआ । आप योग्य पुरुष और डिस्ट्रिक्ट दरबारी हैं । आपके बड़े पुत्र लाला मदनलालजी बड़े उत्साही व्यक्ति हैं । तथा तमाम दुकानों का काम बड़ी होशियारी से चलाते हैं । इनके भाई मूलचन्दजी तथा प्रकाशचन्दजी भी व्यापार में भाग लेते हैं । लाला नन्दलालजी का जन्म सं० १९५२ में हुआ। आप जंडिबाला जैन मित्र मंडल के सेक्रेटरी, गौशाला और मर्चेण्ट एसोशियेसन के वाइस प्रेसिडेण्ट हैं । आप चाँदी सोने का व्यापार करते हैं । इनके कपूरचन्दजी सरदारीलालजी और सत्यकुमारजी नामक ३ पुत्र हैं। लाला कपूरचन्दजी ने वीविंग इस्टीव्यूट अमृतसर से डिप्लोका प्राप्त किया है। आपको वीविंग सम्बन्ध में लण्डन से २ सार्टिफिकेट मिले हैं । इस समय इस परिवार की जण्डियाले में ५ दुकानें हैं, जिन पर कपड़ा चाँदी सोना मनी लैंडिंग २६१
SR No.032675
Book TitleOswal Jati Ka Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOswal History Publishing House
PublisherOswal History Publishing House
Publication Year1934
Total Pages1408
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size47 MB
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