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________________ बोसवाल बात का इतिहास पातंजल योग के चौथे मोक्ष पद पर वृत्ति, योग विंशिका, हरिभद्रसूरि कृत शार वार्ता समुच्चय पर स्यादवाद कल्पलता नामक टीका, हरिभद्रसूरि कृत शोडशक पर योगदीपिका नामक धृत्ति, उपदेश रहस्य सवृत्ति, न्यायालोक, महावीर स्तवन सटीक, उपरनाय न्याय खण्डन पद्य प्रकरण, भाषा रहस्व सटीक, तस्वार्थवृत्ति प्रथमाध्याय विवरण, वैराग्य कल्पलता, धर्मपरीक्षा सवृत्ति, चतुविशति जिन, धर्म परीक्षा सवृति, परम ज्योति पंच विंशतिका, प्रतिमा स्थापन न्याय, प्रतिमा शतक पर स्वापज्ञ, मार्ग परिशुद्धि भनेकांत मत व्यवस्था, समंतभद्र कृत व्याप्त परीक्षा पर टीका, स्याद्वाद् मंजूसा, आकर, मंगलवाद, विधि. पाद, पादमाला, त्रिसूम्यालोक, प्रन्यालोक, प्रमारहस्य, स्याद्वाद् रहस्य, वाद रहस्य, ज्ञानार्णव, कूप दृष्टांत विशदी करण, अलंकार चूडामणि की टीका, छंद चूडामणि की टीका, काव्य प्रकाश की टीका, अध्यात्म बिंदु, तत्वालोक विवरण, वेदांत निर्णय, वैराग्य रति, सिद्धान्त तर्क परिष्कार, सिद्धांत मंजरी टीका मादि के नाम उल्लेखनीय हैं। उपरोक सूची के देखने से पाठकों को आचार्य श्री यशोविजयजी की अगाध विद्वत्ता का अनुमान हो जायगा। भापकी विद्वत्ता की छाप न केवल जैन समाज ही पर वरन् अन्य समाजों पर भी बहुत कुछ अंकित थी। काशी विद्वानों ने आपको 'न्याय विशारद' के पद से विभूषित किया था। उस समय आपकी कीर्ति सारे साक्षर भारत में फैली हुई थी। इस समय में भी काशी में श्री यशोविजय जैन विद्यालय भापके स्मारक रूप में बना हुआ है। समयसुन्दरजी आप साकसचन्दजी गणी के शिष्य थे और १६८६ में विद्यमान थे। इन्होंने “राजा तो ददत सौख्य" इस वाक्य के ८ लाख जुदा २ अर्थ करके ८० हजार श्लोकों का एक प्रामाणिक ग्रंथ रचा था। इसके अलावा इन्होंने गाथा सहरी विषयवाद शतक, तथा दश वैकालिक सूत्रम् आदि टीकाएँ रची थीं। विजय सेन सूरि __ आप हीरविजयसूरि के पट्ट शिष्य थे और बहुत प्रभावशाली मुनि थे। भापके शिष्य वेखहर्ख और परमानन्द ने नहाँमीर वादशाह को जैन धर्म का महत्व बतलाकर धार्मिक लाभ के लिये कई परवाने हासिल किये थे। इसी प्रकार धर्म की और भी तरकी इनके हाथों से हुई। २२२
SR No.032675
Book TitleOswal Jati Ka Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOswal History Publishing House
PublisherOswal History Publishing House
Publication Year1934
Total Pages1408
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size47 MB
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