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________________ ग्रन्थ के माननीय संरक्षक 5. १ - रायबहादुर सिरेमलजी बापना सी० आई० ई०, इन्दौर भारतवर्ष के ओसवाल समाज में आप सर्व प्रथम व्यक्ति हैं, जो इस समय इन्दौर के समान बड़ी रियासत के प्रधान मंत्री ( प्राइम मिनिस्टर) के उत्तरदायित्वपूर्ण पद को सफलता पूर्वक सञ्चालित कर रहे हैं। आप बड़े उदार, गम्भीर और महान हृदय के पुरुष हैं 1 इस ग्रन्थ के प्रणयन में आपकी प्रेरणा ने प्रकाशकों के मार्ग को बहुत प्रकाशित किया । २- श्री० मेहता फतेलालजी, उदयपुर बीकानेर आप सुप्रसिद्ध बच्छावत कर्मचन्दजी के वंशज और उदयपुर के भूतपूर्व दीवान मेहता पन्नालालजी सी० आई० ई० के सुपुत्र हैं । आप बड़े साहित्य प्रेमी और इतिहास रसिक व्यक्ति हैं। प्राचीन ग्रन्थों और चित्रों का आपके पास अच्छा संग्रह है । ओसवाल इतिहास के निर्माण में आपने अच्छा उत्साह प्रदान किया । ३ –– स्वर्गीय सेठ चांदमलजी डड्डा सी० आई० ई०, ओसवाल जाति के रईस पुरुषों में आपका स्थान. सर्व प्रथम था । अपने समय में आप ओसवाल जाति के प्रधान पुरुष थे । आप बड़े उदार और महान हृदय के पुरुष थे। आपकी ओर से भी इस ग्रन्थ को अच्छा उत्साह प्राप्त हुआ । खेद है कि ग्रन्थ के छपते २ हाल ही में आपका स्वर्गवास हो गया । ४ - बाबू बहादुरसिंहजी सिंघी, कलकत्ता आप कलकत्ते की सुप्रसिद्ध "हरिसिंह निहालचन्द” फर्म के मालिक और बंगाल के एक बड़े जमींदार हैं। आप बड़े विद्यारसिक और साहित्य प्रेमी पुरुष हैं। आपके पास भी प्राचीन वस्तुओं का दर्शनीय संग्रह है। इस ग्रन्थ के निर्माण में आपकी सहायता भी बहुमूल्य है । ५- बाबू पूरनचन्दजी नाहर एम० ए० बी० एल०, कलकत्ता | आप समस्त ओसवाल समाज में सुप्रसिद्ध इतिहासज्ञ हैं । न केवल ओसवाल समाज ही में प्रत्युत सारे भारत के इतिहासकारों में आप अपना एक खास स्थान रखते हैं। आप बड़े प्रसन्न चित्त और सरल हृदय के पुरुष हैं। प्राचीन वस्तुओं का संग्रह आपके पास बहुत गज़ब का है । आपने अनेकों ऐतिहासिक ग्रन्थों की रचना बहुत खोज के साथ की है । आपके द्वारा हमें इस ग्रन्थ की सामग्री संग्रह में बहुत सहायता प्राप्त हुई है। .
SR No.032675
Book TitleOswal Jati Ka Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOswal History Publishing House
PublisherOswal History Publishing House
Publication Year1934
Total Pages1408
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size47 MB
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