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________________ ओसवाल जाति की मर्दुम शुमारी सेठ लूनकरणजी, मंगलचन्दजी -- आप को वर्तमान में अपनी "शालिगराम लूनकरण दस्साणी" नामक फर्म के प्रधान संचालक हैं। यह फर्म नं० ४ राजा उडमंड स्ट्रीट, कलकता में व्यापार करती है । बीकानेर राज सभा एवं दर्बार खास आदि अवसरों के समय आप लोग निमंत्रित किये जाते हैं । आपका परिवार बीकानेर के ओसवाल समाज में गण्य मान्य एवं प्रतिष्ठित माना जाता है। आपके छोटे भाई सम्पतलालजी एवं सुंदरलालजी पढ़ते हैं। आप लोग वे ० जैन मन्दिर मार्गय आम्नाय को मानने वाले है । श्री खुशालचंदजी खजांची ( चांदा ) . इस परिवार के पूर्वज सेठ हीराकारुजी खजांची बीकानेर से लगभग ७० साल पहिले कामठी आये तथा सेठ जेठमलजी रामकरणजी गोछा की दुकान पर मुनीम रहे। इनके दुलीचन्दजी तथा घासीरामजी नामक २ पुत्र हुए। हीरालालजी संवत् १९५३ में गुजरे और इनके स्थान पर इनके पुत्र घासीरामजी सुनीमा करने लगे । संवत् १९७६ में कामठी में घासीरामजी का शरीरान्त हुआ। आपके पुत्र खुशालचंदजी, लूणकरणजी तथा ताराचंदजी हुए। श्रीखुशालचंदजी खजांची १६ साल की वय में संवत् १९७० में चाँदा आये । आपका शिक्षण मेट्रिक तक हुआ । सन् १९२२ से आपने सार्वजनिक तथा देश हित के कार्यों में सहयोग देना आरम्भ कर दिया। इसी साल आप जनता की ओर से म्यु० मेम्बर निर्वाचित हुए । १९२७ में आप डिस्ट्रीक्ट कौंसिल के मेम्बर बनाये गये । आपकी सेवाओं के कारण आप सन् १९२९ में प्रथम बार तथा १९३१ में दूसरी बार स्यु० के प्रेसिडेन्ट बनाये गये । इस पद पर आप अभी तक कार्य करते हैं। राजनैतिक कार्यों में भी आप काफी दिलचस्पी से भाग लेते हैं । नागपुर में " गढ़वाल डे" के उपलक्ष में प्रान्तिक डिक्टेक्टर की हैसियत से आप गये थे । इसलिए आपको ता० ८-८-३१ को ७ मास की सख्त कैद तथा २००) जुर्माना हुआ । सन् १९३२ में कांग्रेस कार्य के कारण चांदा में २००) जुर्माना तथा ४ मास की पुनः सजा हुई, इस समय आप अछूतोद्धार निवारक संघ के प्रेसिडेन्ट हैं । सन् १९३३ के लड के समय आपने गरीब जनता की बहुत सेवा की। चांदा की जनता आपको आदर से देखती है आपके पुत्र छगनमलजी हैं। आपके यहाँ "लुणकरण छगनमल" के नाम से कपड़े का व्यापार होता है इसका संचालन लूणकरणजी खजांची करते हैं । तथा तीसरे भ्राता ताराचंदजी खजांची नागपुर साइन्स कॉलेज में एफ० ए० में शिक्षण पाते हैं । ओसवाल जाति की मर्दुमशुमारी के सम्बन्ध में कुछ जानने योग्य बातें स्त्रियां . ओसवाल आबादी १९३१ की गणना से मर्द १ - बीकानेर राज्ज २ - जोधपुर राज्य (मारवाड़) ३ - मेवाड़ (उदयपुर) १४ - सिरोही स्टेट ११९५७ ४५४३५ २५२१८ ३५३३ ६९१ १५६११ ५३३६१ २३०९७ ४६३० . कुल २७५६८ ९६७९६ ૧ ८१६६
SR No.032675
Book TitleOswal Jati Ka Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOswal History Publishing House
PublisherOswal History Publishing House
Publication Year1934
Total Pages1408
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size47 MB
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