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________________ श्रोसवाल जाति का इतिहास कर आपको सम्मानित किया। कुछ समय तक आप महकमा देवस्थान और जिला गिरवा के हाकिम भी रहे। आपके पुत्र न होने से आपके यहाँ कुं० दलपतसिंहजी दत्तक आये। आप सन् १९२४ में सिरोही स्टेट में मुलाजिम हुए । वहाँ करीब ७ वर्ष तक मैजिस्ट्रेट, वकील आबू, असिस्टेन्ट चीफ मिनिस्टर, एक्टिंग चीफ मिनिस्टर इत्यादि ऊँचे २ पदों पर काम करते रहे। सन् १९२७ में आपको शाहंशाह हिन्द की ओर से गवर्नमेंटी फौज में ( In His Majesty's Land forces ) लेफ्टिनेन्ट का काम इनायत हुआ। आपको कई अंग्रेज हाई ऑफिसर्स ने कई सार्टिफिकेट दिये हैं जिन्हें हम आपके पारिवारिक इतिहास के साथ देंगे। मेहता तेजसिंहजी आप स्वर्गीय मेहता रामसिंह जी के वंशज हैं आप कई वर्षों से उदयपुर के वर्तमान महाराणा साहब के प्राइवेट सेक्रेटरी का कार्य कर रहे हैं । आप बड़े योग्य, अनुभवी, विद्याप्रेमी एवं मिलनसार सजन हैं। प्रत्येक सत्कार्य में आपकी बड़ी सहानुभूति रहती है। आपके छोटे भाई डाक्टर मोहनसिंहजी मेहता एम० ए० एल० एल० बी० पी० एच० डी० बैरिस्टर एट लॉ उदयपुर राज्य के रेव्हेन्यू कमिश्नर हैं। आप बड़े विद्वान, देशभक्त, स्वार्थत्यागी और शिक्षा के बड़े ही प्रेमी हैं। भारतीय युवकों के हृदयों को सुशिक्षा से प्रकाशित कर उनमें उच्च चरित्र का संगठन करना तथा उन्हें इस योग्य बनाना कि वे भारत का समुज्वल भविष्य निर्माण कर सकें यह आपके जीवन का प्रधान लक्ष्य है। सरकारी अफसर होते हुए भी आपका जीवन सार्वजनिक है। आपने उदयपुर में एक विद्याभवन नामकी संस्था खोल रक्खी है। वह भारतवर्ष की इनी-गिनी भादर्श तस्याओं में से एक है।
SR No.032675
Book TitleOswal Jati Ka Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOswal History Publishing House
PublisherOswal History Publishing House
Publication Year1934
Total Pages1408
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size47 MB
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