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________________ धूपिया तथा मनगट मारवाद से करीब ७५ वर्ष पूर्व अहमद नगर में जावे । मापने चोदे समय सर्विस की और पश्चात् संवत् १९२८ में “हजारीमल अगरचन्द" के नाम में भागीदारी में दुकान स्थापित की। संवत् १९४१ में भापका स्वर्गवास हुआ। भापके धीरजमलजी, मगरभन्दजी, बेमीदासजी और विशनासजी नामक माई ओर थे। इनमें से अगरचन्दजी, नेमीदासजी और विपदासजी भी मार से अहमदनगर भागये । बाप चारों भाइयों के हाथों से इस फर्म की खूब उनति हुई भापका धार्मिक कार्यों को ओर बहुत लक्ष्य भासम्बत् १९७३ में चारों भाइयों का व्यापार अलग २ हो गया। मूषा विशनहासजी ने शार्ग पठन पाठन और अभ्यास बहुत किया था। भगरचन्दजी का स्वर्गवास सम्बत् १९५५ में, मेमीदासजी का सम्बत् १९५९ में और विशनदासजीदा स्वर्गवास सम्बत् १९८९ में हुआ। मूथा हजारीमलजी के पुत्र मोतीलालजी का जन्म सम्बत् १९३३ में हुआ है। आपके यहाँ "मोतीलाल चुनीलाल" के नाम से व्यापार होता है । भाप सज्जन व्यक्ति हैं। आपके पुत्र चुन्नीलालजी हैं। मूथा विक्षनदासजी के माणकचन्दजी और प्रेमराजजी नामक २ पुत्र हैं। आपका जन्म सम्बत् १९५५ तथा ६१ में हुआ। आप दोनों भाई सज्जन पुरुष हैं। महमदनगर के ओसवाल नवयुवकों में आप बड़े उत्साही तथा कर्मशील हैं। आपने अपने पिताजी के स्वर्गवास के समय २१.०)का दाम किया था। मापके यहाँ "विशनदास माणकचन्द" के नाम से व्यापार होता है। सेठ पूनमचंद मुकुन्ददास मूथा (धूपिया), अहमदनगर यह खानदान श्वेताम्बर जैन स्थानकवासी आम्नाय का मानने वाला है। इस खानदान का मूल निवास स्थान रणी गांव (जोधपुर) का है। इस खानदान में मूथा जेठमलजी देश से अहमद नगर आये और यहाँ पर अपनी दुकान स्थापित की। आपके नवलमलजी और मुल्तानमलजी नामक दो पुत्र हुए। नवलमलजी बड़े बुद्धिमान और व्यापार दक्ष पुरुष थे। आपके हार्थों से इस फर्म की बहुत उन्नति हुई। आपका स्वर्गवास संवत् १९२९ में हुआ। आपके छः पुत्र हुए जिनके नाम क्रम से गंभीर• मलजी, हमीहमलजी, विशनदासजी, मुकुन्ददासजी, स्तचन्दनी और पूनमचंदजी थे। इनमे से केवल मूथा पूनमचन्दजी इस समय विद्यमान हैं । विक्षनदासजी का स्वर्गवास संवत् १९४७ में तथा मुकुन्ददासजीका सम्बत् १९७५ में हुआ। इस समय मुकुन्ददासजी के पुत्र प्रेमरामजी तथा मोतीलालनी और पूनमचन्दजी के पुत्र पत्रालालजी, धनराजजी तथा वंशीलालजी विद्यमान हैं। इस समय इस फर्म के व्यापार का संचालन सेठ पूनमचन्दजी और मूथा प्रेमराजजी करते हैं। भाप दोनों बड़े सज्जन और व्यापार दक्ष पुरुष है। दान धर्म और सार्वजनिक कार्यों की ओर आपका अच्छा लक्ष्य है। इस समय यह फर्म तिल, लई, कपास का व्यापार करती है। मूभा पूनमचन्दजी अहमद नगर जिला कोसबाल पंचायत अधिवेशन के स्वागताध्यश थे। सेठ छोगमल हीरालाल मलगट, गुलवर्गा इस परिवार का सूर निधास सेठजी की रोया (मारवाद) में है। वहाँ भागट अनोपचंदजी
SR No.032675
Book TitleOswal Jati Ka Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOswal History Publishing House
PublisherOswal History Publishing House
Publication Year1934
Total Pages1408
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size47 MB
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