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________________ लिगे ब्यापार में आप परिश्रम पूर्वक भाग लेते हैं। आपके पुत्र अमरनाथजी नेमनाथजी तथा गोरखनाथजी हैं । आप तीनों भाई व्यापार में भाग लेते हैं । रावूशाहजी संवत् १९८८ में गुजरे । आपके पुत्र मुकुन्दलालजी, सरदारोलालजी तथा शोरीलालजी अपना स्वतंत्र व्यापार करते हैं । लाला लाला उत्तमचन्दजी - आपका जन्म संवत् १९३८ में हुआ। आप रावलपिंडी के जैन समाज में प्रतिष्टित व्यक्ति हैं । आपने सन् १९२० में कन्याशाला को एक साल का खरच दिया। तथा इस पाठशाला की बिल्डिंग बनवाने में २ हजार रुपये दिये। इस समय आप जैन सुमति मित्र मंडल के सभापति, बजाजा एसोशिएसन के वाइस प्रेसिडेंट तथा जैनेन्द्र गुरुकुल पंचकूला की प्रबंधक कमेटी के मेम्बर हैं । आप बड़े शांत, समझदार तथा प्रतिष्ठित सज्जन हैं। आपके छोटे भाई फकीरचंदजी आपके साथ व्यापार में भाग लेते हैं । लाला उत्तमचन्दजी के लालचन्दजी, चिमनलालजी तथा रोशनलालजी नाम ३ पुत्र है। इनमें रोशनलालजी एफ० ए० में पढ़ते हैं। शेष व्यापार में भाग लेते हैं। फकीरचंदजी के पुत्र वकीलचंदजी भी एफ० ए० में पढ़ते हैं। इस कुटुम्ब की २ कपड़े की दुकाने मनाशाह काकूशाह के नाम से रावलपिंडी में हैं इसके अलावा एक दुकान अमृतसर में भी है। पंजाब प्रान्त के मशहूर खानदानों में इस परिवार की गणता है । लाला डोडेशाहजी का खानदान - आप बिरादरी के मुखिया तथा बहादुर तबियत के पुरुष थे । संवत् १९८० में भापका स्वर्गवास हुआ आपके पुत्र लाला जीवाशाहजी हैं । लाला जीवशाहजी - आपका जन्म संवत् १९४३ में हुआ। आपका स्वभाव बढ़ा मिलनसार है । आप दिलेर तबियत और गुप्तदानी सज्जन हैं। रावळपिंडी के जैन समाज में आप मशहूर व्यक्ति हैं। आपके यहाँ डोडेशाह जीवाशाह के नाम से कपड़े का व्यापार होता है। आपके पुत्र लालचन्दजी का संवत् १९७३ में स्वर्गवास हो गया। आपने जैनन्द्र गुरुकुल पंचकूला को १ हजार तथा जैन सुमति मित्र मंडल को सात सौ रुपये प्रदान किये हैं । लाला तोतेशाह काशीशाह लिगे, जम्बू ( काश्मीर ) इस खानदान के बुजुर्ग लाला दयानतशाहजी को काश्मीर महाराजा गुलाबसिंहजी ने तिजारत करने के लिए इज्जत के साथ जम्बू में बुलाया । तथा मकान और दुकान की जगह दी । आपने सराफी व्यापार चालू किया । आपके पुत्र लाला बूँटाशाहजी भी सराफी व्यापार करते रहे। इनके लाला निहाला शाहजी तथा तोतेशाहजी नामक २ पुत्र हुए। इन दोनों भाइयों ने व्यापार में तरक्की प्राप्त कर रियाया तथा दर्बार में इज्जत प्राप्त की। आप दोनों का कारवार ४० साल पहिले अलग २ हुआ । लाला तोते साहजी का स्वर्गवास २० साल पूर्व हुआ। आप उम्र भर म्युनिसिपेलेटी के मेम्बर रहे। आपके पुत्र लाला काशीराम शाहजी विद्यमान हैं । लाला काशीराम शाहजी - आपका जन्म संवत् १९३९ में हुआ। आपका बिरादरी तथा राजदरबार में अच्छा सन्मान है । आप २० सालों से जम्बू म्युनिसिसिपैलेटी के मेम्बर हैं । आपके यहाँ "तोतेशाह काशी शाह" के नाम से बैंकिग व्यापार होता है, तथा यहाँ के व्यापारिक समाज में आपकी फर्म ६०५
SR No.032675
Book TitleOswal Jati Ka Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOswal History Publishing House
PublisherOswal History Publishing House
Publication Year1934
Total Pages1408
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size47 MB
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