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________________ मोसवाल जाति का इतिहास पूनमचंदजी नाहटा-आप शिक्षा प्रेमी तथा सुधार प्रिय सज्जन है। लगभग १२ सालों से माप ओसवाल शिक्षण संस्था के महा मन्त्री हैं। यह संस्था ओसवाल युवकों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने में आर्थिक सहायता देती है। इस संस्था का तमाम संचालन माप ही के जिम्मे है। भाप भुसावल म्युनिसिपैलिटी के वाइस प्रेसिडेंट भी रहे हैं। जातीय सुधार के कामों में भाप बढ़े उत्साह से भाग लेते हैं। भाप खानदेश तथा बरार के शिक्षित ओसवाल सज्जनों में वजनदार तथा अग्रगण्य व्यक्ति हैं। आपके यहाँ पूनमचन्द नारायणदास के नाम से कृषि तथा साहुकारी लेनदेन का काम होता है। .. इस प्रकार सेठ उदवचन्दजी नाहटा के जवरीलालजी, मंसुखलालजी तथा सरूपचन्दजी नामक ३ पुत्र हैं। इनमें जंवरीलालजी नाहटा एडवोकेट धूलिया में प्रेक्टिस करते हैं। सेठ चांदमल भोजराज नाहटा, मोमासर इस परिवार के पूर्व पुरुष सेठ वीरभानजी करीब १०० वर्ष पूर्व तोल्यासर को छोड़कर मोमासर नामक स्थान पर आकर बसे। भापके ६ पुत्र हुए, जिनके नाम क्रमशः हुकमचन्दजी, छोगमलजी, गुलाबचन्दजी, चौथमलजी, केशरीचन्दजी और शेरमलजी था । जिनका परिवार इस समय अलग २ व्यापार कर रहा है। यह फर्म सेठ गुलाबचन्दजी के परिवार की है। सेठ गुलाबचन्दजी-आपने कलकत्ता भाते ही पहले मोमासर निवासी सतीदास उम्मेदमल के यहां नौकरी की। पश्चात् आप महासिंह राय मेघराज बहादुर के यहां रहे। इसके पश्चात् आपने अपनी स्वतन्त्र फर्म स्थापित की। आप बड़े योग्य, व्यापार चतुर और प्रतिभावान व्यक्ति थे। आप के हाथों से फर्म की बहुत उन्नति हुई। आपका स्वर्गवास संवत् १९८७ में होगया। आपके कर्मचन्दजी नामक एक पुत्र हुए। सेठ करमचंदजी-आपका जन्म संवत् १९३८ का है। आप भी अपने पिताजी के साथ व्यापार कार्य करते रहे। आपने अपनी एक और फर्म नबावगंज में खोली और जूट का व्यापार प्रारम्भ किया । इसके अतिरिक्त आपने शोराक मिल, न्यू शोरोक मिल, सूरतमिल, स्टेंडर्ड मिल, चायना मिल, मफतलाल भाईलमिल, अंबिका मिल भादि कई मिलों की दलाली और सोल ब्रोकरी का काम किया। इस व्यवसाय में भापको बहुत सफलता रही। आपका स्वर्गवास आपके पिताजी के चार रोज पश्चात् ही होगया । इस समय आपके आसकरनजी चांदमलजी और पनेचन्दजी नामक तीन पुत्र हैं। आप तीनों भ्राता शिक्षित, मिलनसार और सज्जन व्यक्ति हैं। आप बड़ी होशियारी से अपनी फर्म का संचालन कार्य कर रहे हैं। भाप श्वेताम्बर तेरापंथी संप्रदाय के अनुयायी हैं। सेठ आसकरणजी के हनुतमलजी, बच्छराजजी, मगराजजी और दौलतरामजी नामक पुत्र हैं। चांदमलजी के पुत्रों का नाम अमिचन्दजी और शुभकरनजी हैं। आप सब लोग अभी पढ़ रहे हैं। ___ इस फर्म का व्यापार कलकत्ता में उपरोक्त नाम से नं०४ रोजा उडमण्ड स्ट्रीट में होता है। इसकी ब्रांच मवावगंज में है। जहां जूट और कमीशन का काम होता है। मोमासर में यह परिवार बहुत प्रतिष्ठित माना जाता है। ५००
SR No.032675
Book TitleOswal Jati Ka Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOswal History Publishing House
PublisherOswal History Publishing House
Publication Year1934
Total Pages1408
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size47 MB
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