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________________ कोचर मेहता चाँदमलजी फलोधी म्युनिसिपैलेटी के मेम्बर हैं। तथा शिक्षित व समझदार सजन हैं। त्रिचनापल्ली पांजरापोल को आपने २१००) दान दिये हैं। इसी तरह जीवदया प्रचारक संस्था में भी सहापता देते रहते हैं । फलोधी तथा त्रिचनापल्ली में भापकी अच्छी प्रतिष्ठा है। भापके यहाँ व्याज का व्यापार होता है। सेठ जेठमल कस्तूरचन्द कोचर का खानदान, बीकानेर। इस खानदान का मूल निवास स्थान बीकानेर का है। आप लोग श्री जैन श्वेताम्बर मन्दिर मार्गीय सजन हैं । इस खानदान के पूर्व पुरुष सेठ जेठमलजी का सं० १९३३ में स्वर्गवास हो गया । भापके कस्तूरचन्दजी नामक एक पुगए। ...जो कलरवंदजी काम सं० १९३१ का है। आप पहले पहल सं० १९४५ में कलकत्ता आये और यहाँ पर मापने दलाली की । आप साहसी, होशियार, कठिन परिश्रमी तथा सीदे सावे पुरुष है। मापने सवा९४८ में जेठमल कस्तूरवाद के नाम से ३९ क्लाइव स्ट्रीट में अपनी फर्म स्थापित की, जो भाज - चल रही और जिसका काम आप ही योग्यतापूर्वक सम्हाल रहे हैं। आपके कन्हैयालालजी नामक एक पुत्र हैं। भापका जन्म सं० १९५६ का है । आप भी इस समय फर्म के काम में सहयोग लेते हैं। भाप मिलनसार नवयुवक हैं। सेठ शिवचन्दजी रोशनलालजी कोचर का खानदान, बीकानेर । - इस खानदान के लोग श्वेताम्बर जैन मन्दिर आम्नाय को मानने वाले हैं । इस खानदान का मूल निवास स्थान बीकानेर का है। अमृतसर में इस दुकान को स्थापित हुए करीब पचास वर्ष हो गये। इस खानदान में सेठ करणीदानजी हुए । करणीदानजी के पुत्र बिरदीचन्दजी और बिरदीचन्दजी के पुत्र श्रीचन्दजी हुए। श्रीचन्दजी का जन्म संवत् १८९८ में हुआ। आपके सेठ शिवचन्दजी, छगनमलजी और सोहनलालजी नामक तीन पुत्र हुए,। सेठ शिवचन्दजी का जन्म सम्वत् १९९७ में हुआ । आप बड़े व्यापार कुशल और बुद्धिमान व्यक्ति थे । आपने ही अपने हाथों से अमृतसर में अपनी दुकान कायम की । आपका स्वर्गवास सम्बत् १९७४ में हुआ। आपके तीन पुत्र हुए । रोशनलालजी, बृजलालजी और सुन्दरलालजी । इनमें लाला रोशनलालजी का जन्म सम्बत् ११५1 में हुमा । आपके दो पुत्र हैं अनन्तलालजी और अभयकुमारजी । ला० रोशनलालजी ही इस समय अपनी दुकान संचालन करते हैं। सृजलालजी का जन्म सम्बत् १९६४ में हुआ। आप भी .
SR No.032675
Book TitleOswal Jati Ka Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOswal History Publishing House
PublisherOswal History Publishing House
Publication Year1934
Total Pages1408
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size47 MB
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