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________________ ( ११ ) * उन्हीं के राजवंशोंकी संरक्षता में ईसा की १६ वीं सदी तक इसका उत्कर्ष होता रहा है भारत के ऐतिहासिक युग में ईसा पूर्व की छटी सदी से लेकर अर्थात भगवान महावीर कालसे ईमाकी पहिली सदी तक हन इस धर्म को लगातार विदेह देश के लिखी ओर मल्ल जातिके क्षत्रियों में प्रगधके शिशुनाग, नन्द और मौर्य राजवंशों में, मध्मभारतके काशी, कौशल, वत्स, अवन्ति और मथुरा के राज्य शासकों में कलिंग के राजवंशी सम्राट खारवेल आदि के राजत्ररानों में, सुराष्ट्र राजपूताना के लोगों में, उत्तर में गान्धर तक्षशिला आदि देशों में, दक्षिणके पाण्ड्य, पल्लव, चेर, चोल आदि तामिल देशों में हम इस धर्मको एक आदरणीय धर्मके रूप मे सर्वत्र फैला हुआ देखते हैं । मौर्यसाम्राज्य के विखर जानेके उपरान्त, ईसापूर्व की दूसरी बदी में जो यूनानी, इण्डो सीथियन अथवा शक जाति के लोग एक दूसरे के बाद उत्तरीय देशों से आकर भारत के पश्चिम उत्तर के पंजाब, सिन्ध, मालवा श्रादि प्राँतों के अधिकारी हो गये थे, वे भी जैन धर्म से काफ़ी प्रभावित हुवे थे' | भारत के प्रसिद्ध यवन राजा मनेन्द्र ( Men rander). जो जैन श्रमणों के प्रति बड़ी श्रद्धा रखते थे- 'अपने अन्तिम जीवन में जैन धर्म में दाक्षित हो गये थे । क्षत्रप नहपान भी जैनधर्मके बड़े प्रेमी थे। उनके सम्बन्ध में विद्वानोंका विचार है कि वह जैन धर्म में दीक्षित होकर भूतबली नाम के एक दिगम्बर जैन आचार्य बन गये थे जिन्हों ने पट खण्डागम शास्त्रको रचना की थी 3 मथुरा के प्रसिद्ध जैन पुरातल से सिद्ध हैं कि कनिष्क, हुविष्क और वासुदेव शक राजाओं के शासन कालनें जैन धर्म की मान्यता बहुत फैली हुई थी । मध्यकालीन युग में भी यह धर्म राजपूताने के राठोर, परभार, चौहान और गुजरात तथा दक्षिण के ग़ग, कदम्ब, राष्ट्रकूट, चालुक्य, कलचूरी और होयसल आदि राजवन्शों का राजधर्म रहा है। गुप्त श्रान्ध्र और विजयनगर साम्राज्य काल में भी इस धर्म को राज्य शासकों की ओर से सदा सम्मान मिलता रहा है । यह इन्हीं की संरक्षता और प्रोत्साहनका फल है कि जैन 1 Dr. B. C Law Historical Gleaningsr. 78 २५. बर्ष दो, पृ० ४४६.४४६ 4 ३ बा० कामताप्रसाद - दिगम्बरत्व पृ० १२०
SR No.032638
Book TitleItihas Me Bhagwan Mahavir ka Sthan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJay Bhagwan
PublisherA V Jain Mission
Publication Year1957
Total Pages24
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size5 MB
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