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________________ कवला कहा इत्यादि पर खरतरों के किसी प्राचीन ग्रंथों में इस बात की गंध तक भी नहीं है और न किसी प्रमाण से यह वात सिद्ध भी होती है क्योंकि सबसे पहले तो वि० सं० १०८० में पाटण में राजा दुर्लभ का राज ही नहीं था इतिहास की शोध खोज से यह निश्चय हो चुका है कि पाटण में राजा दुर्लभ का राज वि० सं० १०६६ से १०७८ तक रहा था जिसके लिये मैं पाटण के राजाओं की वंशावली यहां उदृत कर देता हूँ। । पाटण नगर बनराज चावड़ा ने वि. सं. ८०२ में बसाया था बाद वहां पर कौन कौन राजा कितने २ वर्ष राज किया जैसे : चावड़ा-वंश के राजा १-वनराज चावड़ा, राज्य काल-वि० सं० ८०२ से ८६२ तक कुल ६० २-पोगराज , , , ८६२ से ८५७ तक ,३५ ३-खेमराज , , , ८९७ से ९२२ तक ,२५ ४--भूवड़ , , ६२२ से ९५१ तक ५-वैरीसिंह , " ९५१ से ९७६ तक ६-रत्नादित्य ,, , , ९७६ से ९९१ तक ,१५. .-सामन्तसिंह , ,, ९९१ से ९९८ तक .. इस तरह चावड़ा वंश के राजाओं ने १९६ वर्षे राज्य किया, अनन्तर सोलंकी वंश का राज हुआ वह क्रम इस प्रकार है:-- । सोलंकी वंश के राजा ४-मूलराज सोलंको राज्य काल वि०सं०९९८ से १०५३ तक कुल ५५ वष' ९-चामुण्डराय, , १०५३से१०६६ तक १३ वर्ष १०-घल्लभराज, , , १०६६से १०६६॥ तककेवल६ मास 1"-दुर्लभराज , , , १०६६॥से १००८ तक 11 वर्ष
SR No.032637
Book TitleKhartar Matotpatti
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGyansundar Maharaj
PublisherRatnaprabhakar Gyan Pushpamala
Publication Year1939
Total Pages166
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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