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________________ 20 26 28 22 24 ff 30 32 34 Second Side 40 देह से यूसीम भाव से कर कालया ॥जीयक मতভাথ वर में लिंगला देহगि৪। वनुग्रहित राव धुঃगया गंगा 22 आशिषा छ गुरु का भौम यশकाय व कुदिन लवक सावि PRABHF সাछনসतुমনামদकी का बयान तू काय का दान নাািল৯নगवार बहुत यहा पनि य 20 विल्सनल्स मुळी राমकाह बाद दो वा बाई काय तो तब बराल व्यक्ति दिया নরিলগামमा पनि काषाय बाऊल দিकपिल्लू मुं মनृ तথककक क 42 इस 30 38 मई वेदमा सजगतात विश अटल जाता युद्धकयम अप राजावादशन सत्र बदलाव हो हादगा कि एक व्यह प्रत्यादिना पवार पालकिया / 4 पुरा सायद 20 24 28 30 32 34 36 টयतः बद IS চ सयानविडान्तः का मूल से जहा बाग हिमाय भवा दालन जिल् दाल क्य माडा चल ম( लिई GS 40 बाडला यक S जाताना हेस बल्ले वा बनाउ दशावत सतना जि 38 तह 42 Pa
SR No.032560
Book TitleEpigraphia Indica Vol 06
Original Sutra AuthorN/A
AuthorE Hultzsch
PublisherArchaeological Survey of India
Publication Year1998
Total Pages482
LanguageEnglish
ClassificationBook_English
File Size24 MB
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