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________________ Kauthem Plates of Vikramaditya V.-Saka-Samvat 930. kase ताबदामात लाइन विना लहसुसालकाविला अब कितना हो तो बतायात काय ती कागदावा बरा काशी कच दात स्वामी रको सिलिका alaरवीनालाल ANTONDA नवीयवहेपुलकका लबादा THEत्रक पनिमा डा मिनतवार दि. मातशिद्ध लामा निमित्तम विकाका नए कारतून वदी कुवान का खोज पाहन दिसतसा माना ही पाक मरा में सोने सनी से उची व लिपा के वासिन मिली जमाव सतिसुतदने पहिसक पावली व त्याशिवालिका नदि पूनम मलीन प्रविति काजवती की पाल पलाना पदक प्रतिभा याच कालासाहरा बदद मिसाह से पकालामाल । समयतापिदिन महीनामसताना तो चान की रात्रि दादिप घधितिष का देता कारक गवाह त ह मिट्याकप्रसादा उममा पचव नाकाम पछारताला विनाशाला पलक रामवयुमा डमनीटतदिनाल ट्रयादित विकावी पाकिती त महावतमाम निक पढतमूक सादर में दाम पनि पोलारसतानाच विमान निति का तवा वि.कमा कानातला ततापियुम लाग्यो युधमनमा मानिसमा तारा जिउलोनाइलामान किया विघापम (नवो विकि सादितावा तिवमा तसा माताला कमानीलने माथि पण बहु विभाविकमादिताायालयाता ही भावना कम त भानु प्रती ति महिला सादित दुकान ला पटवता लातविक मादिता पति न लाए र हातमा सीमजाजी निजी माया का यवतो त्या हत्ती तालिया कापाप याब्ववना सवत के देवता नविन बाटो हाला विजयाविहां सी चिनो विधिवटीतजोदितिवोदिता सता वनाविका द तो आर टी की वदातिल को। मौका पाक का कलती लाचा-चादवी चि वितरपनि तिको विक नारिका आसन किन सुहवाही की वायुवेतमा सोविज्ञान र ते काय कामोलि मन का केला न पा वाहनाय न वोलपातका यी हुजी यामाहा मासानि पोजनाब IF.FLEET,Rocs SCALE .50 W. GRIGGS, FHCTO-LITH.
SR No.032508
Book TitleIndian Antiquary Vol 16
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJohn Faithfull Fleet, Richard Carnac Temple
PublisherSwati Publications
Publication Year1984
Total Pages408
LanguageEnglish
ClassificationBook_English
File Size18 MB
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