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________________ 422 जैन-विभूतियाँ ने हरितक्रांति का सूत्रपात किया। आज देश की लाखों एकड़ भूमि इस पद्धति से उपज बढ़ाने एवं देश को हरा-भरा करने में सफल हुई। आपने 400 करोड़ की पूँजी से 1000 एकड़ के फार्म पर संसाधनों से संस्थापित टिश्यू कल्चर एवं ग्रीन हाउस से हरित क्रांति के विकास में भी अहम् भूमिका निभाई। आपके अर्थ-सहयोग से अनेकों मन्दिर, कॉलेज, स्कूल, अस्पताल एवं असहाय नागरिक लाभान्वित हुए हैं। अंतर्राष्ट्रीय क्राफर्ड रीड मेमोरियल एवार्ड (1997) से सम्मानित होने वाले वे प्रथम भारतीय एवं द्वितीय एशियाई हैं। 7. श्री अशोक कुमार जैन (सुराणा) देश की सांस्कृतिक विरासत से समस्त विश्व को अवगत कराने में आगरा के श्री अशोक कुमार सुराणा का स्तुत्य योगदान है। उनके पिताश्री कँवरलालजी सुराणा द्वारा सन् 1972 में संस्थापित "ओसवाल इम्पोरियम'' अपनी स्वस्थ छवि एवं अभूतपूर्व संग्रह के लिए एशिया का प्रमुख संस्थान माना जाता है। हस्तशिल्प एवं कलाकृतियों के विदेशों में निर्यात का इस संस्थान ने एक कीर्तिमान बनाया है। आपने संस्थान के एक कक्ष में ताजमहल का 6 फीट ऊँचा मॉडल का निर्माण कर उसे ध्वनि एवं प्रकाश के माध्यम से देशी-विदेशी पर्यटकों को चाँदनी रात, बरसात और धूप में विभिन्न कोणों से ताज कैसा लगता है, समझाने एवं दिखाने का प्रयत्न किया है। अमरीका के भूतपूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन अपनी पत्नि एवं पुत्री के साथ इम्पोरियम देखकर दंग रह गये थे। उत्तरप्रदेश सरकार के उद्योग विभाग ने भारतीय शिल्प को विदेशों में लोकप्रिय बनाने में योगदान के लिए श्री सुराणा को 3 स्टार कैटेगरी एवं गोल्ड कार्ड से सम्मानित किया है। सन् 1989-90 से लगातार उन्हें निर्यात संवर्धन परिषद् द्वारा अनेक पुरस्कारों से नवाजा गया है। श्री सुराणा अनेक संस्थानों के अध्यक्ष एवं सदस्य हैं। वे राजगृह में स्थित धार्मिक संस्थान "वीरायतन'' के उपाध्यक्ष हैं। उन्होंने बेतवा नदी के किनारे ओरछा रिजोर्ट्स का निर्माण कर होटल उद्योग प्रारम्भ किया है। श्री सुराणा अनेक अन्य सामाजिक प्रवृत्तियों एवं जन-हितकारी कार्यों में संलग्न हैं। 8. श्री राजकुमार जैन लाला लाभचन्दजी जैन (मुन्हानी) के ज्येष्ठ पुत्र श्री राजकुमार का जन्म माता श्रीमती लालदेवी की कुक्षि से सन् 1936 में गुजरानवाला (पाकिस्तान) में हुआ। सन् 1947 के विभाजन के बाद परिवार आगरा आवासित हुआ। आपने स्नातकीय शिक्षा आगरा में ही सम्पूर्ण की। आपका विवाह लुधियाना के प्रसिद्ध 'ओसवाल वूलन' परिवार में हुआ। आपकी धर्मपत्नि श्रीमती राजरानी सुयोग्य धर्मपरायण महिला हैं। आपके कनिष्ठ भ्राता श्री शांतिलाल एवं तीन पुत्र सुश्री कमल, चाँद एवं राजन व्यवसाय में आपके पूर्ण सहयोगी हैं।
SR No.032482
Book TitleBisvi Shatabdi ki Jain Vibhutiya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMangilal Bhutodiya
PublisherPrakrit Bharati Academy
Publication Year2004
Total Pages470
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size39 MB
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