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________________ ARRIERek SelesCSEEM - (दसवाँ गुण) उपद्रवयुक्त स्थान का त्याग उपद्रवी स्थान पर नहीं बसिये........ त्यजन्नुपप्लुतं स्थानं, (उपद्रवयुक्त स्थान का परित्याग) जैन शास्त्रकार संसारी जीवों को यह भी समझाते हैं कि कैसे स्थान पर रहना चाहिये और कैसे स्थान का परित्याग करना चाहिये। जिस स्थान पर भय हो, उपद्रव हो, दंगा हो, तोड़-फोड़ होती हो ऐसे स्थान का परित्याग करना चाहिये। जहाँ बार-बार अकाल पड़ता हो, जहाँ सद्गुरूओं का संग और धर्मात्मा पुरुषों का सत्संग नहीं प्राप्त होता हो ऐसे स्थान पर भी नहीं रहना चाहिये। रहने का स्थान भी उपद्रव रहित क्यों होना चाहिये ? इस प्रश्न का उत्तम समाधान इस गुण के पठन-मनन से प्राप्त होगा। मार्गानुसारी आत्मा का दसवाँ गुण है - उपद्रव ग्रस्त स्थान का त्याग ROCKS ISODESMSROO
SR No.032476
Book TitleMangal Mandir Kholo
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDevratnasagar
PublisherShrutgyan Prasaran Nidhi Trust
Publication Year
Total Pages174
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size15 MB
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